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आयोग ने इंदौर कलेक्टर और सीएमएचओ के खिलाफ जारी किया जमानती वारंट

भोपाल, 29 जनवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने दो अलग-अलग मामलों में इंदौर कलेक्टर एवं सीएमएचओ के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से आयोग के कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं। मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन द्वारा आयोग में प्रचलित प्रकरण क्र. 5480/इंदौर/2019 में कई सूचना पत्र देने के बावजूद अबतक प्रतिवेदन न भेजने के कारण कलेक्टर इन्दौर मनीष सिंह को 12 मार्च 2021 को आयोग के समक्ष व्यक्तिशः उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिये कहा गया है। आयोग द्वारा कलेक्टर इन्दौर को कारण बताओ सूचना पत्र एवं पांच हजार रुपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। इस कारण बताओ नोटिस एवं जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर के माध्यम से कराई जायेगी। उल्लेखनीय है कि आयोग ने एक समाचार पत्र में ’’11 लोगों की आंखों की रौशनी छीनने वाला इन्दौर आई अस्पताल 48 साल से बिना लीज से चल रहा था’’ शीर्षक खबर पर संज्ञान लेकर कलेक्टर इन्दौर से प्रतिवेदन मांगा था। इसके बाद कई स्मरण पत्र देने के पश्चात् कलेक्टर इन्दौर को नामजद स्मरण पत्र जारी कर आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया था। परन्तु उनके द्वारा न तो प्रतिवेदन दिया गया, न ही आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। इसी तरह आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने आयोग में प्रचलित प्रकरण क्र. 1559/इंदौर/2019 में कई सूचना पत्र देने के बावजूद अब तक प्रतिवेदन न भेजने के कारण सीएमएचओ इन्दौर डॉ. प्रवीण जडिया को चार मार्च 2021 को आयोग के समक्ष व्यक्तिशः उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिये कहा है। डॉ. जडिया को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रुपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। आयोग द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र में ’’बच्चों के पलंग पर सुरक्षा जाली और बिस्तर पर चादर तक नहीं’’ शीर्षक खबर पर संज्ञान लेकर सीएमएचओ इन्दौर से प्रतिवेदन मांगा था। परन्तु प्रतिवेदन अप्राप्त ही रहा। इसके बाद कई स्मरण पत्र देने के पश्चात् भी सीएमएचओ इन्दौर द्वारा प्रतिवेदन नहीं दिया गया। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in

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