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जलवायु परिवर्तन आज हमारे सामने एक बहुत बड़ी चुनौती: शिवराज

भोपाल, 17 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को राजधानी भोपाल स्थित प्रशासन अकादमी में समस्त वन मंडल अधिकारियों की एक दिवसीय समीक्षा बैठक एवं कार्यशाला में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज हमारे सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। पेड़ों का यदि हम संरक्षण करते हैं, तो वह केवल पेड़ ही नहीं, धरती का भी संरक्षण होता है। वनों को बचाना आज बहुत जरूरी है। कार्यशाला में वनमंत्री कुंवर विजय शाह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 काल में मध्यप्रदेश के वन विभाग ने सराहनीय काम किया है। इसके लिए मैं पूरे विभाग को बधाई देता हूँ। मध्यप्रदेश का वन विभाग इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि तथाकथित सभ्य समाज ने अपनी एक अलग दुनिया बसा ली। वनों में रहने वाले हमारे जनजातीय भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए। विकास के लिए उन्हें पीडि़त और प्रताडि़त करना उचित नहीं है। उनका ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन माफिया पर कड़ी कार्रवाई हो। हमें जंगल में रहने वाले भाइयों को उनका अधिकार देना है। नये कब्ज़े न हों, इसका ध्यान रखा जाए। वनों में रहने वाले जीव-जंतुओं का भी संरक्षण हो। हमने 'बफर में सफर' जैसी आर्थिक गतिविधियाँ प्रारम्भ की हैं। इससे वन संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में बाघ, तेंदुआ और घडिय़ालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, यह हर्ष का विषय है। जीव-जंतुओं की संख्या बढ़ रही है तो उनके बीच टेरेटरी को लेकर लड़ाई हो रही है। इससे जंगली जानवर कभी-कभी रहवासी इलाकों में आ जाते हैं और अप्रिय घटनाएँ हो जाती हैं। हमें जनता को साथ लेकर फॉरेस्ट कवर बढ़ाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। जीव-जंतुओं का संरक्षण करना हमारा धर्म है। वनों से रोजग़ार के नए अवसर सृजित किये जा रहे हैं। इस क्षेत्र में और अधिक प्रयास हों। वनोपज और वनौषधियों को भी बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि हम अब प्लांटेशन करें, तो स्थानीय प्रजातियों को तरजीह दी जाए। अमरकंटक में जहाँ शाल के पेड़ थे, वहाँ युकेलिप्टस के पेड़ लगा दिए गए, जो गलत है। वनकर्मियों और वनाधिकारियों की सुरक्षा के लिए भी उपाय किये जाएँ। मैं चाहता हूँ कि हमारे भोपाल के वन विहार की प्रतिष्ठा देश और दुनिया में फैले। फॉरेस्ट का जीडीपी में दो प्रतिशत हिस्सा है। हमारा लक्ष्य इसे पाँच प्रतिशत करना है। कार्यशाला के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी हादसे को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आज मैं सीधी जा रहा हूं। ये अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ऐसे समय मैं बैठा नहीं रह सकता। मैं उन परिवारों से भेंट करूंगा। जो बेटे-बेटी, भाई-बहन चले गये हैं उन्हें हम वापस तो नहीं ला सकते लेकिन परिवारों की जिंदगी कैसे आसान बने, इसकी कोशिश करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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