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मुख्यमंत्री ने किया प्रदेश के 100 नवनिर्मित दीनदयाल रसोई केन्द्रों का लोकार्पण

भोपाल, 26 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के द्वितीय चरण में बने 100 रसोई केंद्रों का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल जी कहते थे कि अगर दीनों की, दुखियों की सेवा कर ली, उनके आंसू पोछ दिये तो उनकी आंखों में साक्षात भगवान के दर्शन हो जायेंगे। इसलिये हमने तय किया कि जो दूर से आते हैं उनको सस्ता और अच्छा भोजन मिल जाये और यह योजना हमने उनके ही नाम पर शुरू की। मुख्यमंत्री ने राजधानी भोपाल के मिंटो हाल में कन्यापूजन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इसके बाद उन्होंने पंडित दीनदलाय उपाध्याय जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेशभर में बनाए गए 100 नये दीनदयाल रसोई केन्द्रों के साथ-साथ दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना के पोर्टल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए करते हुए कहा कि भोजन है तो जिंदगी है। भोजन है, तो आनंद है। अपने-अपने गांव छोडक़र दूर-दराज शहरों में हम सब आते हैं, तो इसीलिए कि दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाये। रोटी, कपड़ा, मकान जीवन के लिए बहुत जरूरी है। हमारी सरकार हर गरीब के लिए रोटी, कपड़ा, मकान और पढ़ाई, लिखाई व दवाई के इंतजाम के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि गरीबों को रोटी मिले, इसलिए हमने संबल योजना बनाई। इसमें गरीब को एक रुपया किलो गेहूं, चावल और नमक देने की व्यवस्था है। शहरी गरीब हों या ग्रामीण, अगले तीन साल में सबको पक्का मकान देने के लिए हम संकल्पित हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी कहते थे कि मुझे पता नहीं कि पूजा-पाठ, व्रत और तपस्या करने से भगवान प्रसन्न होंगे कि नहीं, लेकिन मैं यह जानता हूं कि यदि दरिद्र के आंसू पोंछ दिये, तो ईश्वर अवश्य प्रसन्न हो जायेंगे। दरिद्र ही नारायण हैं। परहित सरिस धर्म नहि भाई। भूखे को भोजन कराने से बड़ा पुण्य का कोई दूसरा काम नहीं है। दीनदयाल रसोई में स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिले, इसके लिए समाज और सरकार मिलकर कार्य करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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