boon-made-for-farmers-in-resource-lockdown-of-government-grant
boon-made-for-farmers-in-resource-lockdown-of-government-grant

सरकारी अनुदान के संसाधन लॉकडाउन में किसानों के लिए बने वरदान

अनूपपुर, 28 अप्रैल (हि.स.)। उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देकर किसानों को मालामाल बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए संसाधन कोरोना संक्रमण के चलते जिले में जारी लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए वरदान बने हुए हैं। इस संकटकाल में भी उनकी रोजी-रोटी अच्छी चल रही है। कोरोना काल के पूर्व राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों के जरिए आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को अनुदान बतौर ड्रिप, मलचिंग शीट, वीडर, पावर ट्रिलर जैसे उपकरण दिए गए थे, जिससे शुरू की गई उद्यानिकी फसलों की खेती के अच्छे नतीजे अब सामने आने लगे हैं। लॉकडाउन के चलते जब रोजगार की लगभग सभी गतिविधियां बंद हैं, वहीं किसान सरकारी संसाधनों के माध्यम से तरबूज एवं खरबूजे का उत्पादन कर स्वयं के परिवार के साथ अन्य लोगों की भी आजीविका चलाने में सफल हो रहे हैं। जिले के अनेक किसानों के साथ-साथ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है ग्राम सारंगगढ़ के कौशल प्रसाद प्रजापति ने जो अपने खेतों में तरबूज एवं खरबूजे की खेती कर 17000 से 18000 प्रतिदिन कमा रहे हैं। किसानों में चाइना के नाम से मशहूर इस तरबूज की प्रसिद्घि है जहां छत्तीसगढ़ के शहरों के व्यवसाई यहां आकर इस तरबूज की मांग कर रहे हैं। कौशल प्रसाद ने अपनी लगन, परिश्रम और निष्ठा के बलबूते ना इस वर्ष बाहुबली, आरोही, शक्ति चाइना तरबूज की तीन प्रजातियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया है। कोयले की खानों के लिए दुनियाभर में मशहूर जिले के ग्राम सारंगगढ़ के किसान कौशल प्रसाद ने बताया कि धान उगाने से खेती का सफर शुरू किया था। अधिक मुनाफा ना होने की वजह से उद्यानिकी विभाग की सलाह और तकनीकी मार्गदर्शन लेकर अनुदान बतौर ड्रिप, मलचिंग, वीडर, कैरेट जैसे संसाधनों की बदौलत तरबूज, खरबूजे एवं खीरे की खेती शुरू कर दी। और आज कल्पना से परे तरबूज एवं खरबूजे उत्पादन का व्यवसाय स्थापित कर कमाई से मकान बनवाया,ट्रैक्टर और एक मोटरसाइकिल भी खरीद ली। कौशल प्रसाद बताते है कि सपने में भी इस बात की कल्पना नहीं थी कि सरकारी संसाधनों से आरंभ तरबूज एवं खरबूजे का उत्पादन उन्हें लखपति बना देगा। ३ साल पहले तक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। सिर्फ धान की खेती पर आजीविका चल रही थी। इस दौरान उद्यान विभाग के मैदानी अमले ने किसानों को तरबूज एवं खरबूजे की खेती करने के लिए प्रेरित किया। और तरबूज- खरबूजे की खेती करने के गुर सिखाए। कौशल प्रसाद कहते हैं तरबूज एवं खरबूजे की खेती ने अब सारी टेंशन खत्म कर दी। पहले गृहस्थी चलाने और बच्चों की परवरिश को लेकर बहुत चिंता रहती थी। लॉकडाउन में भी इनकी फसलें भरपूर मुनाफा दे रही हैं। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक वीडी नायर ने बताया कि जिले में काश्तकारों की माली हालत सुधारने एवं उनकी आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों की उत्पादकता और उत्पादन को कई गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में कुल करीब 235 हेक्टेयर में तरबूज एवं कुल 205 हेक्टेयर में खरबूजे की खेती हो रही है। इसमें से उद्यान विभाग की प्रेरणा एवं मदद से किसान लगभग 56 हेक्टेयर में तरबूज एवं 21 हेक्टेयर में खरबूजे की खेती कर रहे हैं, जिनमें आधे आदिवासी हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in