पन्ना में भी बर्ड फ्लू की दस्तक, जगन्नाथ स्वामी मंदिर में मृत मिले 26 कबूतर
पन्ना, 11 जनवरी, (हि.स.)। पूरे प्रदेश में इस समय बर्ड फ्लू को लेकर सतर्कता बरती जा रही है लेकिन पन्ना में जिला प्रशासन बेपरवाह बना हुआ है। एक तो पवित्र नगरी में आने वाले क्षेत्र में वैसे भी मुर्गा मांस मछली का विक्रय नहीं होना चाहिए। लेकिन कागजों में घोषित पवित्र नगरी अपना मूर्तरूप प्रशासनिक लापरवाही के चलते नहीं ले पा रही है। वहीं बर्ड फ्लू की संभावनाओं के बावजूद जिला प्रशासन बिक्री पर रोक नहीं लगा पा रहा है। जिले में आज उस समय हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई जब स्थानीय श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर में 26 कबूतरों ने दम तोड़ दिया। जिससे बर्ड फ्लू की चपेट में पन्ना के आने की लगभग पूर्ण संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। मृत कबूतरों के मिलने की सूचना पर वेटनरी विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर मृत कबूतरों का सेम्पल लेकर राजधानी भोपाल भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि हो जायेगी। हासिल जानकारी के अनुसार उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग डॉ वीके त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार की सुबह उन्हें सूचना मिली थी कि जगन्नाथ स्वामी मंदिर में कई कबूतर मृत पड़े हैं। सूचना मिलते ही डॉक्टर नरेंद्र सिंह बुंदेला के साथ एक टीम तुरंत भेजी गई, जहां 26 मृत कबूतर पाये गये हैं। डॉक्टर त्रिपाठी ने बताया कि कबूतर कई दिनों से मर रहे हैं, क्योंकि मृत पाये गये कबूतरों में कई सड़ चुके हैं। पशु चिकित्सक डॉक्टर नरेंद्र सिंह बुंदेला ने बताया कि मंदिर में कबूतरों के मरने की जानकारी नगर पालिका प्रशासन पन्ना को दे दी गई है तथा मंदिर को सैनिटाइज करने के लिए कहा गया है। कबूतरों की मौत कैसे हुई, यह पूछे जाने पर डॉ. बुंदेला ने कहा कि अभी इस संबंध में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच रिपोर्ट आने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि कबूतरों की मौत बर्ड फ्लू के संक्रमण से हुई या इसके पीछे अन्य कोई वजह है। आपने बताया कि पन्ना शहर के अलावा जिले के अजयगढ़ व पवई में मुर्गी मरने तथा ककरहटी में एक कौवा के मरने की सूचना मिली है। इन सभी के भी सैंपल जांच के लिए भेजे गये हैं। सीएमएचओ ने दी सासमायिक सलाहः- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी ने बर्डफ्लू के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बर्डफ्लू की बीमारी पूर्व में भी प्रदेश में पक्षियों में फैल चुकी है। मानव में यह बीमारी बहुत कम ही फैलती है। बर्डफ्लू की बीमारी का ईलाज उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय में भी इस बीमारी की दवाएं उपलब्ध हैं। इस बीमारी में भी मरीज को सर्दी, जुखाम, बुखार होता है। लापरवाही बरतने पर इसका असर फेफडों में हो जाने पर रोगी गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है। किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुखाम, बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कलेक्टर संजय कुमार मिश्र के निर्देशानुसार बर्ड फ्लू बीमारी की जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करेंगा। जिससे कहीं भी बर्डफ्लू की बीमारी संबंधी कार्यवाही के लिए प्रभारी अधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह को बनाया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेश पांडेय-hindusthansamachar.in