भोपाल से हो रही पूछताछ, आखिर कहां से आया भैरवगढ़ जेल में कोरोना वायरस.?
भोपाल से हो रही पूछताछ, आखिर कहां से आया भैरवगढ़ जेल में कोरोना वायरस.?

भोपाल से हो रही पूछताछ, आखिर कहां से आया भैरवगढ़ जेल में कोरोना वायरस.?

उज्जैन, 30 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में कोरोना वायरस का संक्रमण आखिर कहां से आया ? इसे लेकर जितना जिला प्रशासन परेशान है उतना ही जिले के स्वास्थ्य अमला भी हैरान है। इसलिए क्योंकि भोपाल से लगातार पूछताछ हो रही है कि आखिर जेल में कोरोना वायरस पहुंचा कैसे? इसी कारण कलेक्टर को निरीक्षण के रूप में जेल में जाना पड़ा और प्रत्यक्ष में दिखी लापरवाही के कारण डॉक्टर को निलंबित करना पड़ा, हालांकि उन्होने भी जेल अधीक्षक से कहा भी कि यह पता लगाईये: जेल में कोरोना वायरस पहुंचा कैसे? कोरेाना वायरस का संक्रमण केंद्रीय जेल,भैरवगढ़ कैसे पहुंचा। इस संबंध में प्रदेश के जेल विभाग के अलावा प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी जानकारी कलेक्टर,उज्जैन से मांगी गई है। यह पता लगाने को कहा गया है कि आखिर चूक कहां हुई? भोपाल में इस बात की चिंता है कि करीब 2250 कैदियों को कम बैरकों में एडजस्ट करनेवाली जेल में एकदम से 250 कैदियों को आयसोलेट करना पड़ा, वह भी पीटीएस में। ऐसे में अन्य कैदियों की आनेवाले दिनों में स्थिति कैसी रहेगी? 15 दिनों से जेल में नहीं गया नया कैदी इस संबंध में जेल प्रशासन ने कलेक्टर को बुधवार को बताया भी कि पिछले 15 दिनों से जेल में कोई नया कैदी नहीं आया। जेल के भीतर केवल अधिकारियों, प्रहरियों, स्वास्थ्य अमले का आना-जाना रहता है। इनमें से कोई भी कोरोनाकाल से अभी तक संक्रमित नहीं हुआ। जो कैदी संक्रमित हुए,उनके पास ऐसा कोई बाहर का काम भी नहीं है। सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल कलेक्टर के साथ बुधवार को जेल में निरीक्षण पर थे। उनसे हिस संवाददाता ने चर्चा की तो उन्होने कहाकि कल भी कलेक्टर ने जेल अधीक्षक से पूछा था कि कांटेक्ट हिस्ट्री पता नहीं चल रही है,आप ही बताएं कैसे आया वायरस जेल में? संक्रमण फैलने के भय से सभी को पीटीएस में आयसोलेट करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। जो मरीज पॉजीटिव्ह आए और जो आयसोलेट है, उन सभी से चर्चा करने पर उन्होने भी यह नहीं बताया कि वे बाहर गए या बाहर से सामान लाने पर उसे छूने से संक्रमण बैरक तक आया। हमने चार बिंदुओं पर की है जांच : जेल अधीक्षक से इस संबंध में चर्चा करने पर जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि: हमने चार बिंदुओं पर जांच की है। इस जांच में भी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिर कोरोना वायरस जेल में कैसे पहुंचा? 1.हर सप्ताह मेडिकल टीम कैदियों की जांच के लिए आती है। इनके साथ मेडिकल उपकरण एवं एम्बुलेंस रहती है। हो सकता है कि कोई मेडिकल उपकरण बगैर सेनेटाईज हुए कैदियों को स्पर्श हुआ हो और वायरस फैला? 2. हमारे यहां हर 15 दिन में खाद्यान्न आता है। उसे सेनेटाईज करके कुछ दिनों के लिए रख देते हैं। हो सकता है सेनेटाईज के बावजूद उसके साथ संक्रमण आया हो। 3. हमारे यहां प्रतिदिन दूध एवं सब्जी आती है। हम उसे सेनेटाईज एवं वॉश करने के बाद ही रसोई में भेजते हैं। 4 हमारी जेल में कार्यरत 72 कर्मचारी प्रतिदिन शहर से जेल अपनी ड्यूटी करने आते हैं। हो सकता है कि उनके साथ वायरस का प्रवेश हुआ हो। अलका सोनकर ने इस बात को लेकर स्पष्ट किया कि संबंधित सभी बिंदुओं से जुड़े किसी व्यक्ति को संक्रमण नहीं हुआ,यह भी सोचनेवाली की बात है। यहां भी रखना होगा ध्यान जिला अस्पताल में रोकस के समीप स्थित जेल वार्ड में गुरूवार को भी एक कैदी उपचार के लिए भर्ती था। पुलिस का पहरा लगा हुआ था। बाजार खुल गए हैं। यदि यहां पर कैदी को बाहर का खाना/नाश्ता आया या उसके परिजन कथित रूप से खाना दे गए तो आशंका है कि कैदी चपेट में आ जाए और जेल पहुंचने पर उससे वहां संक्रमण फैल जाए। यह हुआ लॉकडाउन में जेल के भीतर जेल में लॉकडाउन के दौरान काफी सख्ती बरती गई। अलका सोनकर के अनुसार बाहर से खाद्यान्न,सब्जी,दूध को छोड़कर अन्य कोई सामान जेल में नहीं लाने दिया गया। हमारे जो प्रहरी घर से या बाहर से टिफिन लेकर आते थे, उन्हे भी मना किया गया और जेल में ही उनके भोजन बनवाने की व्यवस्था की। ताकि वायरस का प्रवेश किसी भी माध्यम से न हो सके। छलनी की तरह छान लिया कैदियों को अलका सोनकर के अनुसार जब जेल में कैदी पॉजीटिव्ह आया तो सारी बैरकों को सेनेटाईज करवाया गया। सभी कैदियों की जांच करवाई गई। किसी को बुखार या सर्दी थी तो उसे अन्य बैरक में आयसोलेट किया गया। यही कारण है कि संक्रमण फैलने की दर,कैदियों की संख्या के मान से बहुत कम रही। प्रदेश के जेल विभाग द्वारा प्रदेशभर के जेल अधीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं। बुधवार को जारी निर्देश अनुसार अब प्रदेश की किसी भी जेल में कोई नया कैदी प्रवेश करेगा तो उसकी पहले कोरोना जांच करवाई जाएगी। जांच रिपोर्ट निगेटिव्ह आने के बाद ही उसे बैरक में भेजा जाएगा। हर जेल में बनेगा क्वारेंटाईन सेंटर जेल अधीक्षक अलका सोनकर के अनुसार अब प्रदेश की हर जेल में एक-एक क्वारेंटाईन सेंटर बनाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। केंद्रीय जेल,भैरवगढ़ में भी एक क्वारेंटाईन सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। हिंदुस्थान समाचार/ ललित ज्वैल/राजू-hindusthansamachar.in

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