Bhopal: People's management gives clarification in case of volunteer's death, issue of pressnote
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भोपाल: वालंटियर की मौत के मामले में पीपुल्स प्रबंधन ने दी सफाई, जारी किया प्रेसनोट

भोपाल, 10 जनवरी (हि.स.)। कोरोना वेक्सीन के ट्रायल के दौरान वालंटियर दीपक मरावी की मौत के मामले में पहली बार पीपुल्स अस्पताल प्रबंधन ने प्रेस नोट जारी कर अपनी सफाई दी है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि कोरोना वेक्सीन का टीका लगवाने वालों से लगातार संपर्क किया गया, लेकिन कुछ लोगों ने जानकारी नहीं दी। इन्हीं में से एक दीपक मरावी की ट्रायल के 9 दिन बाद बीमारी से मौत हो गई। पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एवं रिसर्च सेंटर भोपाल के डीन डॉक्टर अनिल दीक्षित ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दीपक मरावी की मृत्यु का कारण कार्डियो रेस्पिरेटरी फैलियर है, जो सस्पेक्टेड पॉइजनिंग के कारण हुआ है। 9 दिन बाद इस तरह मौत होना वैक्सीन से संबंधित होने की संभावना नहीं है। ब्लाइंड ट्रायल होने के कारण यह भी पता नहीं है कि वॉलंटियर को वैक्सीन लगा था या प्लेसिबो। डॉ. अनिल दीक्षित ने कहा कि भारत बायोटेक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के संयुक्त तत्वाधान में तैयार कोवैक्सिन का फेज-3 ट्रायल देश के विभिन्न भागों में नवंबर माह में शुरू हुआ था। भोपाल के पीपुल्स अस्पताल में 27 नवंबर से ट्रायल प्रारंभ किया गया, क्योंकि यह डबल ब्लाइंड ट्रायल है। इसमें आधे लोगों को वैक्सीन और आधे लोगों को प्लेसिबो लगाया जा रहा है। इसके दो डोज 28 दिन के अंतराल में दी जा रही है। ट्रायल में आईसीएमआर व भारत बायोटेक द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in

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