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भोपाल: पद्मश्री बंसी कौल नहीं रहे, दिल्ली के द्वारका में ली अंतिम सांस

भोपाल, 06 फरवरी (हि.स.)। प्रख्यात रंगकर्मी और भोपाल रंगविदूषक के निदेशक पद्मश्री बंसी कौल का शनिवार सुबह निधन हो गया। वे 72 साल के थे और पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। हाल ही में उनका कैंसर की वजह से ऑपरेशन भी किया गया था। शनिवार सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर दिल्ली के द्वारका में उन्होंने अंतिम सांस ली। श्रीनगर में 23 अगस्त 1949 को जन्मे कौल लेखक, चित्रकार, नाट्य लेखक, सेट डिजाइनर और रंग निर्देशक थे। रंगमंच में अनुभवों का विराट संसार समेटे, रंग-आंदोलन की अलख जगाते बंसी कौल शनिवार सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर इस दुनिया को अलविदा कह गए। दिल्ली के द्वारका स्थित अपने निवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। कौल अपने पीछे पत्नी अंजना, रंगविदूषक संस्था और हजारों रंगकर्मी शिष्यों की जमात छोड़ गए। उनके जाने से कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके रंगकर्म में योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री समेत देश विदेश के कई प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा जा चुका था। बंसी दादा की अंतिम यात्रा 7 फरवरी को उनके दिल्ली स्थित निवास स्थल सतीसर अपार्टमेंट प्लाट नंबर 6, सेक्टर 7, विश्व भारती स्कूल के सामने से 1: 30 बजे प्रस्थान करेगी तथा दोपहर 3 बजे लोधी रोड शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। रंग विदूषक ने बनाई अलग पहचान बंसी कौल ने भोपाल में रंग विदूषक के नाम से अपनी संस्था बनाई। 1984 से रंग विदूषक ने देश और दुनिया में अपनी नाट्य शैली की वजह से अलग पहचान बनाई। बंसी कौल देश के प्रख्यात डिजाइनर रहे हैं। उन्होंने कई बड़े इवेंट की डिजाइनिंग की। कॉमनवेल्थ गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी हो या आईपीएल की ओपनिंग सेरेमनी हो, अपनी रचनाधर्मिता से उसे नया रंग दिया। आखिरी दिनों तक बंसी कौल रंगकर्म और नाटकों की दुनिया को लेकर ही चिंतित रहे। थिएटर ऑफ लाफ्टर, सामूहिकता, उत्सव धर्मिता को लेकर एक नया मुहावरा रच गए बंसी कौल। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in

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