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बालाघाट में बनेगा 10 करोड़ की लागत से बैगा संस्कृति केन्द्र

बालाघाट, 06 मार्च (हि.स.)। मध्यप्रदेश की विशेष पिछड़ी तीन जनजातियों बैगा, भारिया एवं सहारिया में बैगा जनजाति के लोग बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनुपपुर, शहडोल एवं उमरिया जिले में निवास करते हैं। जंगलों के करीब रहने वाली इस जनजाति की अपनी एक अलग पहचान और संस्कृति है। प्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा बालाघाट जिले के मुक्की में बैगा संस्कृति केन्द्र बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि जिले में निवास करने वाली विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की संस्कृति एवं परंपराओं को एक स्थान पर प्रदर्शित करने के लिए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मुक्की प्रवेश द्वार पर बैगा संस्कृति केन्द्र बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से शासन को भेजा गया था। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया गया है और मुक्की में बैगा संस्कृति केन्द्र बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि मंजूर कर दी गई। बैगा संस्कृति केन्द्र बनाने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन (एमपीटी) को ऐजेंसी नियुक्त किया गया है। कलेक्टर आर्य ने बताया कि बैगा संस्कृति केन्द्र मुक्की के माध्यम से बैगा जनजाती की संस्कृति, परंपराओं, रहन-सहन, खान-पान आदि का प्रदर्शन किया जायेगा जिससे बैगा जनजाती के लोगों के बारे में आम जन एवं कान्हा पार्क के भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को जानने एवं समझने का अवसर मिलेगा। इस केन्द्र के बनने से बैगा जनजाति के लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। बालाघाट जिले के लिए यह केन्द्र एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। इस केन्द्र का कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश

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