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पंजीकृत सभी महिलाओं के प्रसव की होनी चाहिए जानकारी

- गंभीर महिलाओं की जानकारी न देने पर सीएमएचओ सहित तीन चिकित्सकों का कटा वेतन मुरैना, 04 फरवरी (हि.स.)। जिले में गर्भवती महिलाओं के पंजीयन के बाद उतनी ही डिलेवरी नहीं हों पा रहीं है, इसका मुख्य कारण यह है कि भू्रण परीक्षण करने के बाद अवर्सन कराया जा रहा होगा। इस कारण जिले में बेटियों की संख्या कम है। इसके लिये मैदानी स्वास्थ्य अमला यह सुनिश्चित करेें कि पंजीयन के बाद उस महिला का प्रसव शतप्रतिशत सुनिश्चित हो। यह ध्यान देने की जरूरत है। यह निर्देश जिलाधीश बी. कार्तिकेयन ने गुरूवार को नवीन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मुरैना में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को दिये। बैठक के दौरान हाईरिस्क की जानकारी रजिस्टर में संधारित नहीं करने के आरोप में सीएमएचओ डॉ. आरसी बांदिल, डीएच डॉ. पदमेश उपाध्याय और डॉ. अनुभा माहेश्वरी का दो-दो दिवस का वेतन काटने तथा कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर जिले के समस्त बीएमओ, सिविल सर्जन डॉ. एके गुप्ता आदि उपस्थित थे। जिलाधीश कार्तिकेयन ने कहा है कि जिले में गर्भवती महिलाओं का शतप्रतिशत पंजीयन हो, उसके बाद उनकी किस महीने में डिलेवरी होनी है, इस प्रकार की जानकारी प्रत्येक एएनएम, आशा पर होनी चाहिये। इस कार्य में बीएमओ गति लायें। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला होने के बाद पंजीयन शतप्रतिशत हो और शतप्रतिशत प्रसव होना चाहिये। यह निगरानी रखना हम सबका दायित्व है। भले ही वह डिलेवरी शासकीय या प्रायवेट नर्सिंग होम में क्यों न हो। जिले में हाईरिस्क वाली महिलायें पहाडगढ़ में 2 हजार 747 में से मात्र 54 और पोरसा में 3 हजार 701 में से मात्र 81 महिलायें चयनित की गई है। उन्होंने कहा कि हाईरिस्क वाली महिलायें ऐसी भी होंगी, जो दो से तीन बच्चों को जन्म दे रहीं होगी या किसी न किसी बीमारी से पीडि़त होंगी। उन्हें हमें चिन्हित करना है। उनमें किसी प्रकार से खून की कमी आती है तो उन्हें ब्लड का प्रबंध करना अन्यथा मां और बच्चे को खतरा रहेगा। उन्होंने कहा कि जिले में 18 हजार 635 हाईरिस्क महिलायें है, जिन्हें समय-समय पर चिन्हित करना है। बीएमओ यह सुनिश्चित करें कि अधीनस्थ स्वास्थ्य कर्मी इस प्रकार की महिलाओं को चिन्हित करके रखें। जिले में गर्भवती महिला या बच्चे की मृत्यु दर को हर हाल में कमी लाना है। जिलाधीश ने कहा कि एएनएम व आशा कार्यकर्ता के पास इस प्रकार के पंजी होनी चाहिए। जिसके पास इस प्रकार की पंजी संधारित नहीं मिली तो कार्रवाही संबंधित बीएमओ पर होगी। उन्होंने कहा कि अक्सर 7 प्रतिशत से कम ब्लड गर्भवती महिलाओं में होने पर उन्हें ब्लड का प्रबंध किया जाये। इस प्रकार के कैम्प आदि लगवायें। जिससे ब्लड की प्रर्याप्त मात्रा जिले में रहे। जिलाधीश ने कहा कि मंगलवार, शुक्रवार को शतप्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीज बिना परीक्षण के रैफर किया और मुझे यह जानकारी मिली कि सभी सुविधायें होने के बावजूद भी डॉक्टरों ने प्राथमिकता से चैकअप नहीं किया है तो उस डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाएगी। जिलाधीश ने कहा कि अम्बाह, सबलगढ़, जौरा में आईसीयू प्रारंभ किये जाने है, इसके लिये एचआर को ट्रेनिंग देकर कार्य प्रारंभ करायें। हिन्दुस्थान समाचार/शरद-hindusthansamachar.in

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