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लोगों के भरोसे लाॅकडाउन लगाकर भूल गया प्रशासन

-सोमवार को बेवजह सड़कों पर रही लोगों की भीड़ मंदसौर, 19 अप्रैल(हि.स.)। दस दिनों के लाॅकडाउन में तीसरे दिन सोमवार को ऐसा लगा जैसे शहर में कोई लाॅकडाउन हीं नहीं है। हालांकि बाजार तो नहीं खुले लेकिन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही देखकर तो यही लग रहा था कि मंदसौर में लाॅकडाउन समाप्त हो गया है। पुलिस के चेंकिंग पाइंट जरूर बने हुए हैं लेकिन सख्ती नहीं होने के कारण लोगों आराम से आ जा रहे थे। चिंता की बात यह है कि मंदसौर में लगातार कोरोना का बड़ा विस्फोट हो रहा है रविवार की रात को भी रिकार्ड तौर 245 कोरोना पाॅजिटिव मरीज सामने आये थे। लेकिन इसके बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं है और बेवजह घरों से बाहर निकल रहे है। ऐसे में कोरोना की संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लगायें गये लाॅकडाउन का क्या फायदा। यदि इसका फायदा लेना है और संक्रमण की चेन तोड़ना है तो लाॅकडाउन में सख्ती करना बेहद जरूरी हो गया है। यह ठीक नहीं ऐसे तो कोरोना का विस्फोट तय है- मंदसौर में जहां लाॅकडाउन के चलते कृषि उपज मंडी बंद है वहीं दूसरी ओर थोक सब्जी मंडी खुली होने के कारण यहां भीड़ देखने को मिल रही है। भीड भी ऐसी की कोरोना जैसी कोई चीज ही न हो। सब्जी मंडी में न ही सोश्यल डिस्टेंसिग का पालन देखने को मिला और नहीं लोगों के मंुंह पर मास्क। यह स्थिति ठीक नहीं है। जिस भयावह स्थिति से हम गुजर रहे है ऐसे में ऐसी लापरवाही बरतना बिल्कुल ठीक नहीं है। थोक सब्जी मंडी के अलावा नगर के मध्य में ओर गोल चैराहे पर सब्जी मंडी लग गई जबकि खेरची सब्जी विक्रेताओ को सिर्फ घूम कर सब्जी बेचने की अनुमति है। लेकिन फिर भी गली चौराहे पर सब्जी मंडी लग गई जिसे तत्काल पुलिस जवानों ने पहुंचकर हटाया और कइयों के तराजू तक जब्त किये। हिन्दुस्थान समाचार/ अशोक झलौया

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