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पुलिस की पकड़ से दूर आरोपित, रिकॉर्ड सुधार के बजाय कूटरचना कर बेच दी एक हजार क्विंटल धान

अनूपपुर, 07 फरवरी (हि.स.)। समिति के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करते हुए पात्रता से अधिक धान का विक्रय करते हुए शासन को 19 लाख रुपये का चूना लगाने वाले कोतवाली अनूपपुर अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत दुलहरा के कृषक मन्नू लाल प्रजापति सहित आठ लोगों को पुलिस अभी तक तलाश नहीं सकी। वहीं इस मामले में रिकॉर्ड सुधार के लिए राजस्व महकमे ने दिसंबर में ही कृषक को नोटिस दिया था किंतु रिकॉर्ड सुधार कराने के बजाए कृषक ने समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर 1044 क्विंटल धान बेच दिया। वर्ष 2006 में जब अनूपपुर जिले में राजस्व रिकार्ड का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा था तब मन्नू लाल प्रजापति के रकबे में दर्ज 0.075 हेक्टेयर भूमि 75 एकड़ दर्ज हो गई थी। वर्ष 2020 में तहसीलदार बी लहरें ने पटवारी प्रतिवेदन के पश्चात रिकॉर्ड सुधार का प्रकरण भू अभिलेख अधीक्षक के पास भेजा और वहां से दिसंबर महीने में ही कृषक को नोटिस जारी हुई किंतु वह अधिकारियों के समक्ष उपस्थित ना होकर समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर 1044 क्विंटल धान बेच दी। जबकि पात्रता के अनुसार वह सिर्फ 2 क्विंटल धान ही बेच सकता था। राजस्व अधिकारियों के निर्देश के बाद खाद्य निरीक्षक द्वारा भी समिति केप्रबंधक को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि इस पंजीयन पर धान का उपार्जन ना किया जाए बावजूद इसके 9 लोगों ने मिलीभगत कर 19 लाख रुपये की धान बेच दी। कृषक मन्नु लाल प्रजापति निवासी दूलहरा, वृंदावन पटेल, हेमराज पटेल, रवि शंकर पटेल (सभी बिचौलिए) दूलहरा समिति के दैनिक वेतन भोगी सज्जन सिंह पटेल, सर्वेयर राहुल सिंह धाकड़, कंप्यूटर ऑपरेटर वृंदावन पटेल समिति प्रबंधक रमेश कुमार नामदेव एवं एक अन्य चमरू पटेल के विरुद्ध धारा 406, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। सभी आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर है जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है। मामले में तहसीलदार बी लहरे का कहना है कि पटवारी के प्रतिवेदन के पश्चात भूमि का रिकार्ड सुधार करने के लिए कृषक को नोटिस दी गई थी। साथ ही उपार्जन समिति को भी धान नहीं खरीदने के लिए निर्देशित किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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