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मंत्री के गांव में 4 साल से संचालित हाई स्कूल में बिना शिक्षकों की कक्षाएं

अनूपपुर, 22 जनवरी (हि.स.)। पसान नगर पालिका क्षेत्र भालूमाड़ा स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल को 2016-17 के दौरान हाई स्कूल में उन्नयन किया गया था, लेकिन पिछले चार सालों के दौरान एक भी शिक्षक की पदस्थापना स्कूल में नहीं हो पाई है। जिस कारण कक्षा 9 एवं 10 के छात्र नाम मात्र के छात्र बनकर सरकारी आंकड़ों में प्रतिवर्ष दर्ज रहे हैं। माना जाता है कि नगर में संचालित यह हाईस्कूल शायद प्रदेश का एकलौता हाई स्कूल होगा, जहां शिक्षक ही नहीं है। नाम तो शासकीय हाई स्कूल का है लेकिन हाईस्कूल के एक भी मापदंड पूरे नहीं है। मजे की बात यह है कि जिलें में बैंठे अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं हैं। सिर्फ दिखवाने की बात कर पल्ला झाड़ रहें हैं। बताया जाता है कि जब से हाईस्कूल का उन्नयन हुआ है यहां कक्षा 9-10 में प्रतिवर्ष छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन दुर्भाग्य उन्हें पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक ही नहीं मिले। फरवरी माह से कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद कर दिया गया। और लम्बे अंतराल बाद अक्टूबर-नवंबर से 9 एवं 10वीं की कक्षाएं चालू करने के निर्देश दिए गए। लेकिन शासकीय हाईस्कूल भालूमाड़ा में शिक्षक नहीं होने से 9वीं और 10वीं के छात्रों की पढ़ाई बिल्कुल ठप्प पड़ी है। वर्तमान में कक्षा 9 में लगभग 40 छात्र छात्रा तो 10वीं में 36 छात्र छात्राएं हैं जो सभी अत्यंत गरीब परिवार के बच्चे हैं। 2 शिक्षकों के भरोसे मिडिल व हाई स्कूल शासकीय हाईस्कूल भालूमाड़ा के मिडिल स्कूल में 2 शिक्षक पदस्थ हैं। जिनके भरोसे मिडिल एवं हाईस्कूल चल रहा है। आंकड़ों के अनुसार कक्षा 6 से 10 तक कुल 5 कक्षाएं हुई और इनके विभिन्न विषयक भी। लेकिन यहां दो शिक्षकों द्वारा मिडिल स्कूल के बच्चों को पढ़ाया जाय या हाईस्कूल के बच्चों को। अभिभावकों का कहना है कि जब शिक्षक ही तो यह बच्चे स्कूल में क्या करेंगे। और उनका परीक्षा परिणाम क्या बेहतर होगा। विधायक ने दो शिक्षकों की कराई थी बहाली पिछले वर्ष स्कूल में शिक्षक नहीं होने पर समाजसेवी व मीडिया कर्मियों ने अनूपपुर विधायक व मंत्री बिसाहूलाल सिंह के पास जाकर समस्या से अवगत कराया था। तब विधायक की पहल पर 2 शिक्षकों की बहाली यहां की गई थी। लेकिन जैसे ही सत्र समाप्त हुआ दोनों शिक्षक अपने अपने स्कूल में वापस चले गए। भालूमाड़ा हाइस्कूल जमुना संकुल के अंतर्गत आता है। 4 वर्षों से संचालित हाई स्कूल में अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी नहीं की जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी ने अतिथि शिक्षकों की भर्ती को यह कहकर मना किया है कि यहां पद स्वीकृत नहीं है। हालांकि वर्तमान में शासन द्वारा संकुल प्राचार्य को निर्देशित किया गया था कि स्कूलों में जब तक अतिथि शिक्षक नहीं आ रहे है तो वहां के संकुल प्रचार शिक्षकों की व्यवस्था कराएं। लेकिन यहां भी जिम्मेदारों की अनदेखी हावी है। इस संबंध में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त पीएन चर्तुवेदी का कहना हैं कि जानकारी हुई हैं जानकारी लेकर दिखवाता हूं। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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