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'जलाभिषेकम्' स्थानीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम : राजनाथ

57 हजार से अधिक जल-संरचनाओं का हुआ वर्चुअल लोकार्पण भोपाल, 11 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि 'जलाभिषेकम्' स्थानीय ही नहीं राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है। जल ही जीवन है और जगत के अस्तित्व का आधार भी है। किसानों की आय दोगुना करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जन-भागीदारी से किए जा रहे जल-संरक्षण कार्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने तथा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक होंगे। उक्त बातें केन्द्रीय रक्षा मंत्री सिंह गुरुवार को 'जलाभिषेकम्' अभियान के अंतर्गत प्रदेश में निर्मित 57 हजार से अधिक जल-संरचनाओं के वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम को नई दिल्ली से संबोधित करते हुए कही। केन्द्रीय रक्षा मंत्री सिंह ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य-तिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 'हर खेत को पानी और हर हाथ को काम' की मंशा को पूर्ण करते 'जलाभिषेकम्' के कार्य गाँव, गरीब और किसान की बेहतरी में सहायक सिद्ध होंगे। मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है और कोविड काल में इसका महत्व और बढ़ा है। राजधनी भोपाल स्थित मिंटो हॉल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण तथा ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी दिल्ली से वर्चुअली शामिल हुए। जलवायु परिवर्तन के कारण बूंद-बूंद पानी रोकना जरूरी : तोमर केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश नेतृत्व, प्रबंधन और कई योजनाओं में देश में प्रथम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गाँव, गरीब और विकास के प्रति संवेदनशीलता के परिणाम स्वरूप ही यह उपलब्धि संभव हो पाई हैं। प्रदेश में आवास उपलब्ध कराने, सड़क निर्माण के साथ-साथ कोरोना नियंत्रण में भी अच्छा कार्य हुआ। सभी जरूरतमंद श्रमिकों को रोजगार देकर राहत दी गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में उपयोगी संरचनाओं का निर्माण संभव हो पाया। जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम चक्र को देखते हुए बूंद-बूंद पानी को रोकना जरूरी है। जलाभिषेकम् अभियान में बनी जल-संरचनाएँ इस कार्य में सहायक होंगी। हिन्दुस्थान समाचार / उमेद-hindusthansamachar.in

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