36 घंटे लगातार हुई बारिश से बनी भयावह स्थिति

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36 घंटे लगातार हुई बारिश से बनी भयावह स्थिति राहत शिविरों में शरण लेकर बाढ़ प्रभावितों ने बचाई जान हरदा, 31 अगस्त (हि.स.)। 36 घंटे लगातार हुई बारिश से शनिवार को भयावह स्थिति निर्मित हुई । नर्मदा नदी के विकराल एवं भयावह रूप लेने से हंडिया, छीपानेर, गोंदागांव, लछौरा, शमशाबाद आदि गांव के लोग राहत शिविरों में शरण लेकर रात गुजारी । स्थानी नदी नालों के उफान पर होने के कारण निचली बस्ती के लोगों को घर खाली करना पड़ा। राहत शिविरों में शरण लिए प्रशासन, समाजसेवियों, बजरंग दल, आरएसएस के स्वयंसेवकों, भाजपा कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व राहत शिविरों का दौरा कर मदद करने के साथ-साथ स्थिति का जायजा लिया। 15 फीट तक पानी हंडिया, छिपानेर में देखने को मिला देखने वाले बुजुर्ग बताते हैं कि 46 वर्ष पहले सन 1973 में इस तरह की आपदा देखने को मिली थी। पहली बार नर्मदा नदी ने विकराल रूप धारण किया, मां नर्मदा की कृपा से जन-धन की हानि के समाचार नहीं है वहीं फसल तो पूरी तरह से नष्ट हो गई है। आरआई हंडिया संतोष पथोरिया ने बाढ़ के मंजर की जानकारी देते हुए बताया कि पहली बार इतना पानी देखा गया । इंदिरा सागर बांध के 22 गेट रात करीब 8.30 बजे खोले गए तब थोड़ा पानी स्थिर हुआ । सुबह पानी बंद होने के बाद दिन के सोमवार 10 बजे से नर्मदा नदी के जल स्तर में कमी देखने को मिली। 12 बजे के बाद से घरों में घुसा पानी कम होने लगा । छीपानेर सरपंच मंगलसिंह चौहान ने बताया कि 1973 में ऐसी बाढ़ आई थी। 2007 और 2013 में भी इतना पानी नहीं था नर्मदा के विकराल रूप लेने के बाद भी ज्यादा नुकसान मां नर्मदा की कृपा से नहीं हो पाया। 15 फीट तक लोगों के घरों में पानी घुस गया था, घरों में रखे अनाज सामान आदि सब भीग गए । फसल को भी काफी नुकसान हुआ है शमशाबाद में एक 2 वर्षीय बालक के खेलते समय डूबने से मौत हो गई । लोगों को राहत शिविरों में शरण लेकर उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया। पटवारी, पुलिस बल, बाढ़ प्रभावितों की निगरानी सुरक्षा करने में तत्पर रहे। हंडिया में इस बार हर गली और बस्ती में पानी घुस गया, 2007 एवं 2013 में जहां पानी नहीं पहुंचा था वहां भी पानी पहुंच गया । नाव का सहारा लेकर लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाना पड़ा तहसील, पंचायत कार्यालय में पानी घुस गया । तवा एवं बरगी डैम का गेट खोल देने से जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई, सहायक नदियों एवं खेतों का भी पानी नर्मदा नदी में आने से जलस्तर विकराल रूप ले लिया। छीपानेर में नर्मदा नदी के किनारे वैदिक विद्या पीठम चिचोर कुटी में पानी घुस गया। छिदगांव घाट में भी पानी का मंजर भयावह था रेलवे लाइन के पास तक पानी पहुंच गया था । मां नर्मदा की दया दृष्टि से जनधन की हानि नहीं हो पाई। लोगों के घरों में पानी घुसने से अनाज आदि सामान भीग गया, फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। बाढ़ प्रभावितों की मदद करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा राहत शिविरों में पहुंचकर राशन सामग्रियों की मदद पहुंचाई। आवश्यकता जरूरत के अनुसार यथासंभव सहयोग प्रदान किया, गोंदागांव, शमशाबाद, लछौरा में बाढ़ का पानी 15 फीट तक रहा । समूचा गांव जलमग्न हो गया सभी को राहत शिविरों में पहुंचा कर मदद की गई। बाड़ क्षेत्रों का दौरा कर किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष युवराज अभिजीत शाह ने प्रभावितों में खाद्य सामग्री वितरित की। बच्चों को खाने के पैकेट व बिस्किट आदि दिए। गोंदागांव, लछौरा, शमशाबाद में बाढ़ का पानी बहुत था छत में शरण लेकर लोगों ने जान बचाई । मोहित राजपूत ने बताया कि पानी घरों में रहा रविवार 12 बजे के बाद से पानी कम होना शुरू हुआ, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। रात बड़ी मुश्किल से बाढ़ प्रभावितों ने बिताएं कुहीग्वाडी में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया । नीचे स्तर पर कई मकान डूबे रहे मवेशियों के भी बह जाने की खबर है । इन गांवों में बाढ़ में फंसे लोगों को नाव की सहायता से राहत शिविरों में पहुंचाया गया। युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मदद की एसडीएम अंकिता त्रिपाठी, प्रभारी एसडीएम एसके ब्रम्नहा, नायब तहसीलदार संदीप गौर, आरआई व पटवारी सतत निगरानी करते हुए सहायता पहुंचाई। विधायक संजय शाह ने भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ प्रभावितों से मिलकर हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया व उन्हें दी जा रही सुविधा सहायता का निरीक्षण कर अधिकारियों को समुचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया। हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद सोमानी/राजूू-hindusthansamachar.in

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