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भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे लोकनिर्माण विभाग के 11 अफसर

उज्जैन, 23 फरवरी (हि.स.)। लोकनिर्माण विभाग में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते 11 अधिकारी लोकायुक्त उज्जैन के चंगूल में उलझ गए हैं । यह खुलासा मंगलवार को विधानसभा में हुआ। उज्जैन जिले की तराना विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक महेश परमार के तारांकित प्रश्र के जवाब में उक्त खुलासा लोक निर्माणमंत्री मप्र शासन गोपाल भार्गव ने किया। मंत्री ने लिखित जवाब में इस बात को स्वीकार किया है कि लोकनिर्माण विभाग के 11 अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त उज्जैन में कार्यवाही हुई है। कार्यवाही मे सामने आई अफसरों की सूची जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रटाचार के आरोप में कार्यवाही हुई है, उन अधिकारियों की प्रमाणित सूची हिंदुस्थान समाचार संवाददाता नागदा के पास सुरक्षित है। विधायक परमार के प्रश्रों के जवाब में यह सूची विधानसभा कार्यवाही में समाने आई है। पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग के हस्ताक्षर के इस अभिलेख के अनुसार अधिकारियों पर अपराध क्रमांक 114/ 2020 धारा 7 भ.नि.अधि 1988 संसोधन 2018 एवं धारा 120- बी भादवि के अंतर्गत दिनांक 11 नवंबर 2020 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया, जिसे विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन संभाग उज्जैन ने विवेचना में लिया है। इस कार्यवाही की तत्काल सूचना मुख्य प्रमुख सचिव लोकनिर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल को प्रेषित की गई थी। इन अधिकारियों पर कार्यवाही सुरक्षित प्रमाणित अभिलेख के अनुसार लोकायुक्त संगठन में पंजीबद्ध प्रा.जा. क्रमांक 61/ 14 की जांच उपरांत प्रथम द्ष्टया प्रमाणित होने से पुलिस थाना विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन भोपाल में इन 11 आरोपी अफसरों के खिलाफ अपराध दिनांक 11 सितंबर 2020 को पंजीबद्ध कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन संभाग उज्जैन में विवेचना में लिया गया है। 1. अजय यादव तत्कालीन उपयंत्री 2 तत्कालीन उपयंत्री डी.के. तिवारी 3. तत्कालीन उपयंत्री जे.एस. भल्ला 4 तत्कालीन सहायक यंत्री के.सी. भूतड़ा 5 तत्कालीन सहायक यंत्री एस.एल. खियानी, 6 तत्कालीन सहायक यंत्री बी.आर. विश्वकर्मा,7. तत्कालीन सहायक यंत्री निर्मलकुमार श्रीवास्तव, 8 तत्कालीन सहायक यंत्री लोकनिर्माण विभाग भ/प उपसंभाग उज्जैन ओपी शुक्ला, 9 तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एस.एस. सलूजा 10 तत्कालीन कार्यपालन यंत्री ए.के. टूटेजा एवं तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जी.पी.पटेल के खिलाफ अपराध पंजीबंद्ध कर विवेचना में लिया गया है। संभाग में सिर्फ उज्जैन जिले में ही भ्रष्टाचार इस प्रकरण में यह तथ्य उभर कर सामने आया कि लोकनिर्माण विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत में उज्जैन आगे हैं। वर्ष 2013 से अभी तक लोकनिर्माण विभाग में अन्य किसी भी जिले में कोई शिकायत सामने नहीं आई है। उज्जैन में वर्ष 2014-15 में उपयंत्री अजय यादव के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध होना बताया गया है जिसको अभिलेखों के अनुसार लोकायुक्त कार्यालय द्धारा प्रथम द्ष्टया उतरदायी माना गया है। जबकि देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच एवं आगर- मालवा में उक्त अवाि में ऐसी शिकायत निरंक है। हिंदुस्थान समाचार/ कैलाश सनोलिया

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