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कलेक्टर पर लगाया 10 हजार का जुर्माना, राजसात का आदेश निरस्त

कलेक्टर पर लगाया 10 हजार का जुर्माना, राजसात का आदेश निरस्त गुना 20 मार्च (हि.स.) । प्रशासन की मनमानी पर न्यायालय का चाबुक चला है। दो फैसले न्यायालय ने दिए हैं। जिनमें से एक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम पर 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है तो दूसरे में उनके द्वारा दिए गए चावल और ट्रक को राजसात करने के आदेश को निरस्त करते हुए संबंधित को वापस करने की बात कही है। पहला मामला मिलावट से जुड़ा होकर रासुका की कार्रवाई का है, वहीं दूसरे में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद चावल और ट्रक राजसात करने के आदेश जारी किए गए थे। दोनों फैसलों को लेकर शनिवार को प्रशासनिक एवं राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। गौरतलब है कि इससे पहले भी कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम पर भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में 1 लाख का जुर्माना लग चुका है। 1 लाख का जुर्माना लगाने के साथ राजसात के दिए थे आदेश बताया जाता है कि देशना ट्रेडर्स गुना के मालिक राजकुमार जैन की गोदाम पर 19 सितंबर 2019 को छापामार कार्रवाई की गई थी। इस दौरान गोदाम मालिक की अनुपस्थिति के बावजूद गोदाम का शटर कटर से काटकर 462 क्विंटल चावल एवं ट्रक को सील कर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस समय कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार थे। इसके बाद इस मामले में वर्तमान कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सुनवाई करते हुए 28 दिसंबर 2020 को व्यापारी के ऊपर 1लाख रुपया का जुर्माना व सम्पूर्ण चावल व ट्रक को राजसात करने के आदेश जारी किए। इसके बाद व्यापारी ने अपने अधिवक्ता हरि सिंह यादव के माध्यम से न्यायालय की शरण ली। जिसमें सुनवाई पंचम अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप दुबे की न्यायालय में हुई । इस दौरान देशना ट्रेडर्स के मालिक के सभी कागजात सही मानते हुए न्यायालय ने कलेक्टर के आदेश के विरुद्ध राजकुमार जैन पर लगे सभी आरोपो को निरस्त करते हुए राजसात हुए जब्त माल एवं वाहन मालिक को सुपुर्द करने के आदेश पारित किया। मामले की पैरवी में सुनील जैन, मनीष जैन सहयोगी रहे। मिलावट के मामले में रासुका की कार्रवाई मिलावट के एक मामले में न्यायालय ने व्यापारी के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई को गलत बताया है। फैसला ग्वालियर उच्च न्यायालय ने दिया है। जिसमें कलेक्टर पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। मामले के अनुसार माफिया के खिलाफ अभियान के दौरान एक संयुक्त टीम ने कैन्ट स्थित एक नमकीन कारखाने पर छापा मारा था। इस दौरान भारी मिलावट मिलने की बात कही गई थी। इस दौरान खाद्य सामग्री के नमूने लेकर जांच को भेजे जाना बताया था । इसी बीच सुलभ शर्मा पुत्र अमर चौबे के खिलाफ कलेक्टर द्वारा 28-01-2021 राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत एक आदेश जारी कर तीन माह के लिए निरुद्ध करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के इसी आदेश के खिलाफ सुलभ शर्मा की ओर से एडवोकेट अंकुर महेश्वरी द्वारा उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर कर कलेक्टर के उक्त आदेश को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता को देना होंगे 10 हजार मामले में सुनवाई करते हुए ग्वालियर खंडपीठ के न्यायाधीश आनंद पाठक एवं शीलू नाग द्वारा दिए गए निर्णय में कलेक्टर द्वारा 28-01-2021 को रासुका के तहत जारी आदेश को अवैध बताते हुए निरस्त कर दिया गया है। यहीं नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आदेश जारी करने के पूर्व आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर कलेक्टर पर न्यायालय द्वारा 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। यह जुर्माने की राशि याचिकाकर्ता को देना होगी। खंडपीठ ने अपने आदेश में उक्त राशि 30 दिन के अंदर नेट बैकिंग के माध्यम से याचिकाकर्ता के बैंक खाते में अंतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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