हाजी हुसैन के अंतिम दर्शन को उमड़ा सैलाब
हाजी हुसैन के अंतिम दर्शन को उमड़ा सैलाब

हाजी हुसैन के अंतिम दर्शन को उमड़ा सैलाब

देवघर, 04 अक्टूबर(हि. स.) । मंत्री हाजी हुसैन के निधन की खबर जैसे ही फैली मधुपुर के चारों तरफ शोक की लहर दौड़ पड़ी। शनिवार देर रात उनका शव रांची से सड़क मार्ग से मधुपुर स्थित उनके आवास पहुंचा। उनकी मौत की खबर आते ही उनके आवास पर हजारों की संख्या में उनके समर्थकों का जमावड़ा लगा था। रविवार सुबह से ही उनके आवास पर उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा। मंत्री हाजी हुसैन सभी के दिलों पर राज करने वाले एक नेक इंसान थे। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सभी जाति व धर्म के लोग उनके अंतिम दर्शन को व्याकुल थे। कोरोना को मात देने की अगले ही दिन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी जिंदगी की जंग हार गए। 73 साल की उम्र में शनिवार शाम 3:50 बजे उन्होंने रांची के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि उनके पैतृक गांव पिपरा में संपन्न हुई। उनकी अंत्येष्टि में सुबह के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पूर्व श्रम नियोजन मंत्री राज परिवार के साथ कई दिग्गज नेता शामिल हुए। बीते 22 सितंबर को मंत्री हाजी हुसैन करोना पॉजिटिव मिले थे और 23 सितंबर को मेदांता में उन्हें भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक शुक्रवार को रैपिड एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन शनिवार शाम 3:30 बजे उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और 3:50 पर उनकी मौत हो गई। झारखंड सरकार ने उनके निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उनके सम्मान में सोमवार को सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। जैसे ही या सूचना आई कि मंत्री हाजी हुसैन के अंतिम यात्रा में सुबह के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे। मधुपुर शेखपुरा मैदान में पदाधिकारियों का जमावड़ा लग गया। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। दोपहर 2:00 बजे शेखपूरा मैदान में हवाई मार्ग से हेलीकॉप्टर के जरिए हेमंत सोरेन मंत्री हाजी हुसैन के शव यात्रा में शामिल होने पहुंचे और वहां से फिर सड़क मार्ग के द्वारा पिपरा गांव के लिए रवाना हुए। उनके शव यात्रा में शामिल होने के बाद लगभग 3:30 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिर रांची के लिए रवाना हो गए। मंत्री हाजी हुसैन के अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा हाजी हुसैन अंसारी साहब के निधन से आहत हूं। उन्होंने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी वे सरल सौम्य स्वभाव वाले जननेता थे। झारखंड सरकार के वर्तमान कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने उन्हें याद करते हुए एक वाक्य बताया कि इस बार चुनाव के समय वह बुरी तरह से एक चक्रव्यूह में घिर गए थे। जैसे ही इसकी सूचना हाजी हुसैन को मिली वे उनके विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर लोगों से उनके पक्ष में वोट देने की अपील की और उनके अपील के बाद स्थितियां मेरे पक्ष में हो गई। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि एक बार उस गांव में जरूर चलना है, जहां मैंने लोगों से वादा किया था। लेकिन उसके बाद ही कोविड-19 के कारण स्थितियां ऐसी बन गई कि मैं उनको साथ लेकर वहां जा नहीं पाया। हाजी हुसैन अंसारी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव पिपरा में दफनाया गया। पिपरा के मैदान में उनके अंतिम दर्शन एवं उनकी शव यात्रा में शामिल होने के लिए जैसे जनसैलाब उमड़ पड़ा था। उनके अंतिम यात्रा में लाखों की भीड़ इकट्ठी हुई। सभी ने नम आंखों से अपने हर दिल अजीज नेता हाजी हुसैन को विदाई दी। हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्र विजय/वंदना-hindusthansamachar.in

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