सीसीएल  ने छः ईको पार्क के लिए भूमि चिह्नित किया
सीसीएल ने छः ईको पार्क के लिए भूमि चिह्नित किया

सीसीएल ने छः ईको पार्क के लिए भूमि चिह्नित किया

रांची, 18 जुलाई ( हि.स.) सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) छः ईको पार्क निर्माण और विकसित के लिए अपने कमांड क्षेत्र में भूमि चिह्नित किया है, जिसका शिलान्यास "वन महोत्सव 2020" के अंतर्गत कोयला मंत्रालय भारत सरकार के मार्गनिर्देशन में आगामी 23 जुलाई को ऑनलाइन माध्यम के जरिये किया जायेगा। कोल इंडिया और लिग्नाइट ने दिल्ली एवं झारखंड सहित पूरे देश में 130 चिन्हित लोकेशन में वन महोत्सव आयोजित कर रहा है। कोल इंडिया भारत का एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान है जो भारत और विश्व में भी सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी है। कोल इण्डिया की सहायक कम्पनी सीसीएल है और इसने कोयला उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक कार्य किये हैं और इसके लिए सतत प्रयास भी जारी है। इस मुहिम के अंतर्गत सीसीएल प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि कथारा, बी एंड के, पिपरवार, ढोरी, रजरप्पा तथा बरका-सयाल क्षेत्र में ईको-पार्क विकसित किया जायेगा। प्रत्येक पार्क लगभग 20 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा जिसमें विभिन्न जैव विविधता, मृदा संरक्षण एवं पर्यावरण संबंधी अन्य गतिविधियों को आधुनिक तकनीकी के माध्यम से विस्तारित किया जायेगा। कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गनिर्देशन में आगामी 23 जुलाई, 2020 से सीसीएल एवं कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में ‘वन महोत्सव’ का आयोजन वृहद स्तर पर पूरे देश में किया जायेगा। इस संदर्भ में 15 जुलाई, 2020 को कोयला मंत्रालय के सचिव, कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल तथा सभी कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने इस बैठक में अपने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये। सीएमडी सिंह के नेतृत्व में सीसीएल में वन महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। सीसीएल मुख्यालय सहित सभी क्षेत्रों, ईकाईयों आदि में कर्मियों के बीच फलदार एवं औषधि पौधा का वितरण के साथ-साथ रोपण भी किया जायेगा। इसके अतिरिक्त वर्श 2020 मानसून में ही सीसीएल में 58 हेक्टेयर भूमि पर ईको रेस्टोरेशन भी प्रस्तावित है जिसमें सीड बॉल तकनीकी को अपनाकर पौधा प्लांटेशन किया जायेगा। सीड बॉल वह प्राकृतिक तकनीक है जिसमें बीज को मिट्टी में लपेट कर बॉल बनाते हैं और बरसात के मौसम में चयनित भूमि में फेंक कर पौधरोपण होता है। हिंदुस्थान समाचार /विनय/सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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