सीएसआर फंड पर पड़ेगा कोयला मजदूरों की हड़ताल का असर
सीएसआर फंड पर पड़ेगा कोयला मजदूरों की हड़ताल का असर

सीएसआर फंड पर पड़ेगा कोयला मजदूरों की हड़ताल का असर

रामगढ़, 03 जुलाई (हि.स.) । कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ कोयला मजदूर यूनियन 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। तीन दिन के हड़ताल से कोल इंडिया को लगभग 319 करोड़ के राॅयलटी का नुक़सान होने की संभावना जताई गई है। इसमें 61 करोड का नुकसान झारखंड प्रदेश को होने वाला है। झारखंड प्रदेश में कोल माइंस के बड़े हिस्से पर जिले का कब्जा है। इस वजह से जिले को होने वाला नुकसान भी काफी बड़ा है। रामगढ़ जिले में कोल प्रोडक्शन का 33 प्रतिशत रॉयल्टी जिले के विकास के लिए दिया जाता है। इस वजह से जिले में विकास कार्यों को भी इस हड़ताल से धक्का लग रहा है। कोयला मजदूरों का हड़ताल दूसरे दिन भी सफल रहा है। जिले के सभी माइंस बंद हैं। वहां से होने वाला डिस्पैच पूरी तरीके से ठप है। एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कमर्शियल माइनिंग के लिए बनाई गई रूपरेखा को वापस नहीं लेता है, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। भारत कोल मजदूर यूनियन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार कमर्शियल माइनिंग के जरिए पूरे कॉल सेक्टर पर पूंजी पतियों का कब्जा जमाना चाहती है। इससे मजदूरों और उस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को भारी नुकसान होगा। यह नुकसान झेलने के लिए यूनियन तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि आज भी कोल इंडिया नवरत्नों में शामिल है। यह लगातार भारत सरकार को मुनाफा ही दे रहा है। पूंजी पतियों की नजर उस मुनाफे पर है। जबकि इस क्षेत्र से होने वाले फायदे का लाभ आम लोगों को होता है। इससे विकास कार्यों को भी नई दिशा मिलती है। कमर्शियल माइनिंग में जब पूंजीपति शामिल हो जाएंगे, तब यह सारे फायदे सिर्फ पूंजीपतियों को ही होंगे। शुक्रवार को हड़ताल के दूसरे दिन जिले के रजरप्पा, अरगड्डा, कुजू, उरीमारी, सयाल, भुरकुंडा प्रक्षेत्रों में कोयले का उत्पादन पूरी तरीके से ठप रहा है। गाड़ी और मशीन यार्ड में खड़े हैं। इस हड़ताल में रामगढ़ जिले के 25000 से ज्यादा कामगार शामिल हैं। उन सभी ने एक स्वर में कमर्शियल माइनिंग का विरोध किया है। इस हड़ताल को लेकर सीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक गोपाल सिंह ने एक अपील भी जारी की है। उन्होंने कहा है कि कामगारों को हड़ताल पर नहीं जाने का आग्रह किया गया था। इसकी वजह से कुछ लोग काम पर वापस भी लौटे हैं। उन्होंने कामगारों को यह भरोसा दिलाया है, कि कमर्शियल माइनिंग में सीसीएल की एक भी खदान नहीं जाएगी। ना ही उन्हें कोई नुकसान होने वाला है। इस वजह से देशवासियों के हित में वह अपने काम पर लौटे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनकी इस अपील के बाद से काफी लोग अपने काम पर वापस लौटे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अमितेश/ वंदना-hindusthansamachar.in

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