सरकार की महत्वाकांक्षी बिरसा हरित ग्राम योजना की स्थिति दयनीय
सरकार की महत्वाकांक्षी बिरसा हरित ग्राम योजना की स्थिति दयनीय

सरकार की महत्वाकांक्षी बिरसा हरित ग्राम योजना की स्थिति दयनीय

हजारीबाग, 10 अगस्त (हि.स.)। राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी हरित ग्राम योजना की स्थिति पूरे राज्य में ठीक नहीं है। जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 30 लाख से अधिक पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक आधे से भी कम पौधे लगाए जाने की सूचना मिल रही है। हजारीबाग जिला में तो इसकी स्थिति और भी दयनीय है। जिले में महज 25 प्रतिशत क्षेत्रों में ही पौधरोपण हो पाया है। दारु एवं विष्णुगढ़ प्रखंड को छोड़ दें तो अन्य 14 प्रखंडों में पौधरोपण की स्थिति करीब करीब नगण्य है। सूचना है कि पंचायतों में मनरेगा के तहत मजदूरों से पौधरोपण के लिए गड्ढे तो खुदवा लिए गए, लेकिन दो माह में जरूरत के अनुसार वर्मी कंपोस्ट व अन्य कंपोनेंट अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। कुछ प्रखंडों में यदि इसे उपलब्ध भी करवाया गया तो जैसे तैसे डंप कर दिया गया है। ऐसे में पंचायतों तक वर्मी कंपोस्ट व अन्य कंपोनेंट के नहीं पहुंचने से गड्ढों में इसे डालकर उसे भरने का काम भी अब तक नहीं हो पाया है। इसको लेकर मुखिया के साथ-साथ बीडीओ व जिला के वरीय पदाधिकारी भी परेशान हैं। 719 एकड़ में होना है पौधरोपण जिले में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 719.1 एकड़ क्षेत्र में पौधरोपण किया जाना है। बताया गया कि 830 लाभुक इस योजना के तहत है और कुल स्वीकृत 786 योजनाओं के तहत 79696 गड्ढे खोदे गए हैं, जिनमें आम व इमारती लकड़ी का पौधा लगाया जाना है। दारु में 37 एकड़ क्षेत्र में पौधरोपण की योजना ली गई। बीडीओ रामरतन बरनवाल की लगातार माॅनिटरिंग के कारण पौधरोपण का कार्य पूरा कर लिया गया है। यही स्थिति विष्णुगढ़ प्रखंड की भी बताई गई है। शेष अन्य प्रखंडों में हाल बुरा है। 70 प्रतिशत कंपोस्ट पहुंचाने का दावा जिले में वर्मी कंपोस्ट व अन्य कंपोनेंट पहुंचाने वाले कंपनी के संचालक आनंद जायसवाल ने दावा किया है कि जिले के जरूरत के 70 प्रतिशत कंपोस्ट व अन्य कंपोनेंट पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सप्ताह दस दिन में शेष मात्रा भी पहुंचा दी जाएगी। हालांकि जायसवाल ने जो दावा किया है वह वस्तु स्थिति से अलग है। मुखिया से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का कहना है कि वर्मी कंपोस्ट व अन्य कंपोनेंट नहीं पहुंचने के कारण गड्ढों में इसे डालकर भरा नहीं जा सका। ऐसे में पौधरोपण हो पाना आने वाले समय में समस्या है, समय निकला जा रहा है। पौधे उपलब्ध होने का दावा शांति प्लांटेशन के संजय बर्मन ने फोन पर कहा कि उनके पास हजारीबाग में लगाए जाने वाले 80 हजार पौधे उपलब्ध हैं। उन्हें वर्मी कंपोस्ट व अन्य कंपोनेंट के नहीं पहुंचने की जानकारी है। ऐसे में पौधे भेजना उचित नहीं है। उन्होंने दावा किया कि एक महीने में पौधे पहुंच जाएंगे और लग भी जाएंगे। डीडीसी ने कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने की बात कही उपविकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने कहा है कि यदि यह योजना विफल होती है, तो जिन कंपनियों के कारण यह विफल होगी उसे ब्लैक लिस्ट करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि समय बीतता जा रहा है। ऐसे में गड्ढों को भरकर पौधा लगाना मुश्किल हो जाएगा और योजना विफल हो जाएगी। इस बाबत कंपनियों को उन्होंने दूरभाष पर जानकारी दे दी है। कोढ़ में खाज की तरह मनरेगा कर्मियों की हड़ताल पूर्व से योजना नहीं बनने एवं माॅनिटरिंग नहीं होने के कारण बिरसा हरित ग्राम योजना विफल होने की स्थिति में है। इस मामले में मनरेगा कर्मियों की हड़ताल कोढ़ में खाज की तरह सामने आ गया है। बीपीओ से लेकर रोजगार सेवक तक इस योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे थे और उनके द्वारा माॅनिटरिंग भी की जा रही थी, लेकिन सरकार विशेषकर वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी मनरेगा आयुक्त सहित अन्य की हठ धर्मिता के कारण ऐन मौके पर हड़ताल 15 दिन लंबा खिंच गया है। ऐसे में योजना के धरातल पर पहुंचने में संदेह से इंकार नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/शाद्वल / वंदना-hindusthansamachar.in

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