विधायकों ने शिक्षकों का लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान को लेकर मंत्री से की मुलाकात
विधायकों ने शिक्षकों का लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान को लेकर मंत्री से की मुलाकात

विधायकों ने शिक्षकों का लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान को लेकर मंत्री से की मुलाकात

रांची, 22 जुलाई (हि. स.)। विधायक बंधु तिर्की, राजेश कच्छप, भूषण बाड़ा और ममता देवी ने गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित ) प्रारंभिक विद्यालयों में नियुक्त एवं कार्यरत 400 शिक्षकों का लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान को लेकर बुधवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मुलाकात कर अपनी बात रखी। विधायकों ने कई मुद्दों में पर मंत्री को अवगत कराया एवं निदान करने का आग्रह किया। जिसमें गैर सरकारी अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति अनुमोदन एवं वेतन निर्धारण बड़ी संख्या में विभिन्न स्तर पर लंबित है। जिसके कारण इन विद्यालयों के शैक्षणिक वातावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि समीक्षा कर निराकरण किया जाए। नई स्थानातरण नीति- इस नियमावली के अनुसार प्राथमिक से प्लस टू उच्च विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण, अंतर जिला स्थानांतरण का प्रावधान है जो काफी जटिल एवं शिक्षा तथा शिक्षक के हित के विपरीत है अनुरोध है इस नीति की समीक्षा की जाए। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय में अंतर जिला स्थानांतरण के लिए कई शिक्षकों (हजार की संख्या में) का प्रस्ताव लंबित है। ये प्रस्ताव नई स्थानांतरण नीति लागू होने के पूर्व की है अतः शिक्षकों के हित में नई स्थानातरण नीति प्रभावी होने के पूर्व प्रचलित प्रावधानों के तहत इन शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण पर विचार करने की कृपा की जाए। तिर्की ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन के द्वारा विभागीय नियमानुसार विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। नियुक्ति के बाद नियुक्ति का अनुमोदन जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा किया जाता है। साक्षरता विभाग से होने के बाद ही शिक्षकों का वेतन भुगतान प्राप्त होता है। लंबी प्रक्रिया विभागीय उदासीनता के कारण वर्ष शिक्षक बिना वेतन के रह जाते हैं। निदेशालय में लगभग 400 शिक्षकों का वेतन निर्धारण लंबित है जो न्याय उचित प्रतीत नहीं होता है। विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति और नीति का अनुमोदन तथा वेतन निर्धारण का अनुमोदन को प्रभावित करने वाले विभागीय परिपत्र को निरस्त करते हुए शिक्षा विभाग अधिसूचना के पूर्व निर्गत विभागीय परिपत्र के आलोक में नियुक्ति का अनुमोदन वेतन निर्धारण की प्रक्रिया यथावत रखा जाए। वेतन निर्धारण नहीं होने के कारण उक्त शिक्षक पांच से 10 वर्षों तक बिना वेतन के कार्यरत हैं। वेतन अभाव के कारण शिक्षकों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। उन्होंने अनुरोध किया कि उपर्युक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए निदेशालय में लंबित 400 शिक्षकों का वेतन निर्धारण का अनुमोदन के लिए स्वीकृत करने की कृपा करें। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ विनय-hindusthansamachar.in

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