लोक आस्था से खिलवाड़ नहीं करे राज्य सरकार, तुगलकी फरमान पर करें पुनर्विचार : दीपक प्रकाश
लोक आस्था से खिलवाड़ नहीं करे राज्य सरकार, तुगलकी फरमान पर करें पुनर्विचार : दीपक प्रकाश

लोक आस्था से खिलवाड़ नहीं करे राज्य सरकार, तुगलकी फरमान पर करें पुनर्विचार : दीपक प्रकाश

रांची, 16 नवम्बर (हि. स.)। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार द्वारा छठ पर्व को लेकर जारी तुगलकी फरमान पर कड़ा विरोध किया। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर सरकार को निर्णय पर पुनर्विचार का आग्रह किया। प्रकाश ने लिखा है कि लोक आस्था,लोक स्वास्थ्य ,प्रकृति एवं पर्यावरण,भगवान सूर्य और माँ भगवती की पूजा से जुड़े महान छठ पर्व पर राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों ने सनातन परंपरा एवम आस्था में विश्वास करने वाले जन मन को आहत किया है। उनके दिलों पर गहरी चोट पहुंची है। हर सनातनी आज बेचैन और परेशान हैं। राज्य सरकार की यह जिम्मेवारी है कि कोविड-19 को भी रोका जाए एवम आस्था के साथ भी खिलवाड़ नहीं हो। प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे निर्णय लेने के पहले छठ पूजा आयोजन से संबंधित धार्मिक, सामाजिक संगठनों से विचार विमर्श के बाद ही ऐसे तुगलकी फरमान जारी करने चाहिये थे। यह महान पर्व प्रकृति और जलाशयों से जुड़ा पर्व है, जहां एक सामान्य गरीब व्रतधारी भी इसे सम्पन्न कर सकता है। इसलिये सरकार का यह निर्देश कि इसे घर से ही मनाएं सामान्य जनआस्था पर भी चोट है। इस प्रकार व्रत को घर मे मनाना सबके लिये संभव भी नही है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/वंदना-hindusthansamachar.in

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