रेलवे में रात्रि भत्ता नहीं तो रात्रि डियूटी नहीं, ईसीआरकेयू ।
रेलवे में रात्रि भत्ता नहीं तो रात्रि डियूटी नहीं, ईसीआरकेयू ।

रेलवे में रात्रि भत्ता नहीं तो रात्रि डियूटी नहीं, ईसीआरकेयू ।

धनबाद, 07 अगस्त (हि.स.)। धनबाद मंडल में रेलवे के सिग्नल विभाग के मंडलीय अधिकारी ने अपने लाईन कर्मचारियों को रात्रि भत्ता के भुगतान पर रोक लगाने के मौखिक आदेश अपने डिपू प्रभारियों को जारी किए हैं , जिससे लाईन कर्मचारियों में काफी आक्रोश फैल रहा है। उक्त अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे किसी भी कर्मचारी को रात्रि भत्ते का भुगतान नहीं करेंगे और यदि इस स्थिति में कोई कर्मचारी रात्रि डियूटी करने से मना करेगा तो वह दण्डित भी होगा । उक्त अधिकारी के दिशा निर्देश के बाद सिग्नल विभाग के कर्मचारियों का पिछले महीने का रात्रि भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है और इस महीने डिपू प्रभारियों ने रात्रि भत्ते का बिल भी लेने से इंकार कर दिया है । सिग्नल विभाग के मंडलीय अधिकारी का रात्रि भत्ता का भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश सरासर हिटलरशाही रवैया है।ईसीआरकेयू यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि रेल कर्मचारियों से रात्रि डियूटी लिया जाएगा तो रेल नियमों और सातवें वेतन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार रात्रि भत्ते का भुगतान किया जाना चाहिए । यह अलग तथ्य है कि रेलवे बोर्ड ने खर्च कटौती पर दिशा निर्देश जारी किए हैं, पर ऐसा नहीं कहा है कि काम भी कराओ और मेहनताना भी नहीं दो। उसपर यह आतंक कि ऐसा करने पर यदि कोई कर्मचारी रात्रि डियूटी से इंकार करे तो उसे दण्डित किया जाए । ईसीआरकेयू ऐसे व्यवहार का सख्त विरोध करता है और संबंधित अधिकारियों से अपील करता है कि रात्रि भत्ते पर लगाए गए रोक को अविलंब वापस लें अन्यथा रेलकर्मी पूरे मंडल में आंदोलन करते हुए सामुहिक रूप में रात्रि डियूटी करना बंद कर देंगे। ईसीआरकेयू ने हमेशा ही रेल परिचालन में सहयोग किया है। लेकिन यदि रेल कर्मचारियों के अधिकारों का हनन होगा तो चुप नहीं रह सकता। इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को ईसीआरकेयू के केन्द्रीय पदाधिकारियों, जोनल सचिव और प्रमुख शाखा सचिवों के बीच एक वर्चुअल बैठक हुई । कुछ सदस्यों ने यह बात रखी कि कुछ विभागों में मात्र तेरह घंटे का ही रात्रि भत्ता को स्वीकार किया जा रहा है। जबकि वास्तविक रूप में इससे अधिक रात्रि डियूटी रेलकर्मी कर रहे हैं । यूनियन प्रतिनिधियों ने रेल प्रशासन के ऐसे दिशा निर्देश का पुरजोर विरोध करने का फैसला लिया है । उक्त बैठक में अपर महामंत्री सह पी. एन. एम. प्रभारी डी. के. पांडेय, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह धनबाद मंडल को-ओर्डिनेटर मो. ज़्याऊद्दीन, ओमप्रकाश, वी. डी. सिंह, पी. के. मिश्रा, जोनल सेक्रेटरी ओ. पी. शर्मा, टी. के. साहू, ए. के. दा, एन. के. खवास, पी. के. सिंह, एस. के. प्रसाद, के. के. सिंह, एनजे सुभाष, एके दास, तपन विश्वास, विश्वजीत मुखर्जी समेत सभी शाखा सचिव शामिल हुए। हिन्दुस्थान समाचार / बिमल चक्रवर्ती / सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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