राजबाड़ी में  1932  से हो रहा  मां दुर्गा का राजशाही पूजा
राजबाड़ी में 1932 से हो रहा मां दुर्गा का राजशाही पूजा

राजबाड़ी में 1932 से हो रहा मां दुर्गा का राजशाही पूजा

धनबाद , 21 अक्टूबर (हि.स.) । तेलमोचो स्थित रामनगरगढ़ राजबाड़ी में वर्ष 1932 के दशक से मां दुर्गा का राजशाही पूजा होते आ रही है। पूजा की शुरुआत तत्कालिन राजा रणबहादुर सिंह ने की थी। यहां बलि की प्रथा नहीं है। राजा रणबहादुर सिंह के दो पुत्र बड़ा मनमोहन सिंह तथा छोटा पुत्र ब्रजमोहन सिंह थे। राजकुमार ब्रजमोहन सिंह बलि प्रथा के पक्षधर थे इसलिए उन्होंने तेलमोचो बाजार में एक अलग मंदिर की स्थापना की। यहां भी धूमधाम के साथ पूजा होने लगा। दोनों भाइयों के मौत के बाद दोनों ही मंदिर का पूजा का जिम्मा राजा मनमोहन के पुत्र राजा सह विधायक मदन मोहन सिंह ने लिया। बाद में 1978 के दशक में तेलमोचो बाजार के मंदिर के पूजा का जिम्मा सोलहआना समिति को दी गयी। लेकिन आज भी पूजन सामग्री तथा बलि के लिए बकरा राजबाड़ी से ही जाता है। राजा मदनमोहन सिंह के बाद पूजा का जिम्मा उनके बड़े पुत्र राजकुंवर मुरारी मोहन सिंह के पास है। राजकुंवर मुरारी मोहन सिंह ने बताया कि आज भी धूमधाम के साथ दोनों ही मंदिरों में पूजा अर्चना होती है। राजकुंवर मुरारी मोहन सिंह व उनका भाई मानस मोहन सिंह दुर्गा माता के पूजा के लिए काफी तत्पर रहते है। वे बताते हैं कि आज भी बलि के लिए चार बकरा राजबाड़ी से ही जाता है। समस्त पूजन कार्य को राज परिवार के पुरोहित खानुडीह निवासी सुबोध पाठक के द्वारा किया जाता है। उनके साथ तेलमोचो निवासी त्रिभुवन पाठक कुंजी निवासी राजेश तिवारी सहयोगी के साथ चण्डी पाठ के अलावे पूजा पाठ भी करते हैं। इस अवसर पर क्षेत्र के तेलमोचो कुंजी, लोहपिट्टी, जमडीहा काण्ड्रा, भुरूंगिया, कल्याणपुर आदि गांवों के लोग आते हैं और राजपरिवार से मिलते जुलते हैं। लेकिन कोरोना के कारण इस बार भीड़ नहीं होगी। सप्तमी के दिन सुबह राजा अपने राजपरिवार के साथ पुरनाबांध तालाब से तेलमोचो सोलह आना समिति एवं पूजारी संग घट में जल लेकर आते हैं और माता का आह्वान करते हैं। दुर्गा पूजा के सभी आयोजन स्व. मदन मोहन सिंह के तीनों पुत्र मुरारी मोहन सिंह, मानस मोहन सिंह, माधव मोहन सिंह तथा चाचा कृष्ण मोहन सिंह के मार्ग दर्शन में होता है। राजकुंवर मुरारी मोहन सिंह ने कहा कि इस बार कोरोना के चलते दुर्गा पूजा में भीड़ नहीं होगी। पूजा भी सादगी पूर्वक मनाया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार / बिमल / वंदना-hindusthansamachar.in

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