मील का पत्थर साबित होगा नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का वर्चुअल क्लासरूमः कुलपति
मील का पत्थर साबित होगा नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का वर्चुअल क्लासरूमः कुलपति

मील का पत्थर साबित होगा नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का वर्चुअल क्लासरूमः कुलपति

मेदिनीनगर, 19 दिसम्बर (हि.स.) । नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में वर्चुअल क्लास रूम का उद्घाटन गौरव की बात है। यह क्लासरूम विश्वविद्यालय के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे शिक्षकों की कमी के कारण उच्च शिक्षा पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को कम करने में सहूलियत होगी। साथ ही विद्यार्थियों को तकनीक आधारित शिक्षा का माहौल मिलेगा। इससे शिक्षण कार्य में काफी लाभ होगा। इस क्लासरूम से विद्यार्थियों एवं इस क्षेत्र का उन्नयन होगा। यह बातें नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ.राम लखन सिंह ने कही। वे आज नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में नवनिर्मित वर्चुअल क्लासरूम के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। इसकी शुरुआत गढ़वा स्थित श्री सद्गुरु जगजीत सिंह नामधारी महाविद्यालय से हुई। जबकि नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के सभी अंगिभूत महाविद्यालय मेदिनीनगर के गणेश लाल अग्रवाल महाविद्यालय, जनता शिवरात्रि महाविद्यालय, योग सिंह नामधारी महिला महाविद्यालय नवनिर्मित वर्चुअल क्लासरूम से ऑनलाइन जुड़े थे। कुलपति प्रो. डॉ. राम लखन सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए आज हर्ष एवं गौरव का दिन है। कोविड-19 संक्रमणकाल में वर्चुअल क्लास व ऑनलाइन क्लास जरूरी समझा गया। इसका जितना उपयोग एवं प्रचार-प्रसार करेंगे, उतना ही बेहतर होगा। कुलपति ने शिक्षक एवं विद्यार्थियों को इसका अधिकतम प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत बढ़िया सुविधा है। यूजी, पीजी, पीएचडी के सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक वर्चुअल क्लासरूम का अधिकाधिक उपयोग करें। इसका जितना प्रयोग करेंगे, उतना ही अधिक लाभ होगा। विश्वविद्यालय परिवार शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाने का पूरा प्रयास कर रही है। थोड़ी तकनीकी कठिनाइयों के बावजूद बेहतर करने की कोशिश जारी है। उन्होंने वर्चुअल क्लासरूम तैयार करने वाले रांची के अशोक नगर के वनांचल आईटी सर्विसेज प्रा.लि. को धन्यवाद देते हुए कहा कि कंपनी ने करोना काल में इस प्रोजेक्ट को तैयार कर विश्वविद्यालय के लिए बेहतर कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि इसकी सार्थकता शिक्षकों द्वारा अधिकतम क्लास लेने एवं विद्यार्थियों को क्लास करने में ही होगी। कुलपति ने कहा कि वे विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों के कल्याण, क्षेत्र का विकास एवं विद्यार्थियों में शैक्षणिक माहौल बनाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने अनुशासन एवं मर्यादा पर भी जोर दिया। कहा कि मर्यादा का उल्लंघन नहीं होनी चाहिए। शिक्षक समाज में प्रकाश पुंज के रूप में हैं। जिसे सभी लोग देखते हैं और इनसे प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने चाणक्य, समर्थ गुरु रामदास एवं डॉ. अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज को दिशा देने के लिए हमसभी को सतत प्रयास करना चाहिए। शिक्षक को बहुत संयमित रहने की आवश्यकता है। नियमसंगत कार्य इमानदारी पूर्वक से निर्वहन करें। कुलपति ने सरकार के डिजिटल इंडिया की शुरुआत के दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया। मौके पर प्रति कुलपति प्रो. डॉ. दीप नारायण यादव, कुलसचिव डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह ,सीसीडीसी डॉ. अरविंद कुमार पांडेय उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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