मारा गया आतंक का पर्याय बना 15 लाख का इनामी जोनल कमांडर जीदन गुड़िया
मारा गया आतंक का पर्याय बना 15 लाख का इनामी जोनल कमांडर जीदन गुड़िया

मारा गया आतंक का पर्याय बना 15 लाख का इनामी जोनल कमांडर जीदन गुड़िया

-मुरहू व तपकरा थाना के सीमावर्ती कोयंगसेर गांव के समीप पुलिस व सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस को मिली बड़ी सफलता -एके 47ए रायफलए तीन मैग्जीनए दो वॉकी-टॉकी सेट व विभिन्न कंपनियों के 75 सिम सहित अन्य जरूरी सामान बरामद -जंगली क्षेत्र की पहाड़ी में बने अस्थायी कैंप में दस्ते के सदस्यों के साथ रुका हुआ था जीदन -मुठभेड़ में कुछ अन्य उग्रवादियों के भी घायल होने की संभावनाए पुलिस पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर चला रही है सर्च अभियान खूंटी, 21 दिसम्बर (हि. स.)। खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा सहित कई जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके 15 लाख के इनामी पीएलएफआइ उग्रवादी जीदन गुड़िया को पुलिस ने सोमवार को मार गिराया। मुरहू थाना के कोयंगसेर जंगल में सोमावार को सुबह खूंटी पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में जीदन गुड़िया मारा गया। पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि कुख्यात जीदन गुड़िया के विरुद्ध जिले के विभिन्न थानों समेत सीमावर्ती अन्य जिलों में लगभग एक सौ संगीन मामले दर्ज हैं। उसके पास से पुलिस ने एक एके-47, रायफल, तीन मैग्जीन, दो वॉकी-टॉकी सेट व विभिन्न कंपनियों के 75 सिम सहित अन्य जरूरी सामान बरामद किया है। घटनास्थल पर एसडीएम हेमंत सती की उपस्थिति में शव इंक्वेस्ट कर शव को दोपहर साढ़े तीन बजे मुरहू थाना ले जाया गया। घटनास्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए एसपी ने मुठभेड़ के बारे में बताया कि गत रविवार को गुप्त सूचना मिली थी कि जीदन गुड़िया अपने दस्ते के आठ-दस सहयोगियों के साथ मुरहू थाना क्षेत्र के कुम्हारडीह व कोयंगसेर गांव के आसपास घूम रहा है। इस सूचना पर सीआरपीएफ 94 बटालियन के उप समादेष्टा पीआर मिश्रा व एएसपी अभियान रमेश कुमार के नेतृत्व में सीआरपीएफ व जिला बल की तीन टीमों का गठन कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। छापामारी टीम देर रात ही चिह्नित स्थान की ओर रवाना हो गई और सर्च अभियान शुरू कर दिया। सोमवार की सुबह लगभग साढ़े नौ बजे जब छापामार टीम बनई नदी के समीप एक पहाड़ी पर पहुंची तो पहाड़ी पर अस्थायी कैंप में अपने सहयोगियों के साथ नाश्ता कर रहे जीदन गुड़िया ने पुलिस बल को देखते ही एके-47 से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इस पर चौकस जवानों ने मोर्चा लेकर जवाबी कार्रवाई की जिसमें जीदन गुड़िया मारा गया, जबकि अन्य उग्रवादी जंगल व खाई का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। पुलिस ने जब शव की शिनाख्त की तो मुठभेड़ में शामिल जवानों के चेहरे खिल उठे। एसपी ने कहा कि स्वजनों द्वारा शिनाख्त किए जाने के बाद ही यह कहा जा सकता है कि मारा गया उग्रवादी जीदन गुड़िया है, हालांकि पूरी संभावना यही है कि वह जीदन गुड़िया ही है। एसपी ने इसे झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी बताया। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस मुठभेड़ से पीएलएफआइ की कमर टूट गई है। अब पीएलएफआइ में सुप्रीमो दिनेश गोप समेत गिनती के कमांडर बचे हैं। सात उग्रवादियों के साथ 2009 में कोर्ट हाजत से हुआ था फरार कुख्यात नक्सली मूल रूप से खूंटी जिले के तपकारा थाना क्षेत्र के कोचा करंगटाली गांव का रहने वाला था। वह बुधराम गुड़िया और सनियारो गुड़िया के चार पुत्रों में दूसरे नंबर पर था। जीदन का बड़ा भाई बोंदलो गुड़िया और दो छोटे भाई दिनेश गुड़िया और जोनसन गुड़िया अपने गांव में खेती-बारी करते हैं। जीदन गुड़िया पहले रनिया में दर्जी का काम करता था। वहीं से वह पीएलएफआइ के संपर्क में आया और संगठन में शामिल हो गया। धीरे-धीरे वह पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप का सबसे विश्वासपात्र बन गया। इस समय वह संगठन में जोनल कमांडर के पद पर था। तोरपा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी और वर्तमान में तोरपा अंचल के पुलिस इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह ने जीदन गुड़िया को गौरबेड़ा क्षेत्र से गिरफ्तार किया था, लेकिन 2009 में वह हाजत से फरार हो गया। जीदन गुड़िया ने दो शादियां की थीं। उसकी पहली पत्नी रीता गुड़िया 2010 से 2015 तक तपकारा पंचायत की मुखिया रह चुकी है, जबकि दूसरी पत्नी जोनिका गुड़िया इस समय खूंटी जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल-hindusthansamachar.in

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