पारंपरिक श्रद्धा के साथ लोगों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया पहला अर्घ्य
पारंपरिक श्रद्धा के साथ लोगों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया पहला अर्घ्य

पारंपरिक श्रद्धा के साथ लोगों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया पहला अर्घ्य

कोरोना संक्रमण और बूंदाबंदी के बीच छठ घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ खूंटी, 20 नवंबर (हि. स.)। कारोना संक्रमण और बूंदाबांदी के बीच आयोजित हो रहे सूर्योपासन के चार दिवसीय महाव्रत के तीसरे दिन शुक्रवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य प्रदान किया गया। तीन बजे से ही व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ विभिन्न नदियों,तालाबों, सरोवरों और अन्य छठ घाटों में जुटने लगी थी। हालांकि कोरोना संक्रमण को लेकर जारी दिशा निर्देश और मौसम के बावजूद छठ घाटों पर भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही भगवान सूर्य आंखों से ओझल होने लगेए श्रद्धालुओं ने सूपों में दूध और गंगाजल का अघ्र्य देकर अपने और परिवार की कुशलता की कामना की। जिला मुख्यालय के चैधरी तालाबए राजा तालाबए साहू तालाब, तजना छठ घाट सहित अन्य तालाबों और नदियों में व्रतियों ने जल में एक .डेढ़ घंटे तक जल रहकर भगवान सूर्य की आराधना की और अस्ताचलगामी भुवन भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया। तोरपा की कारो और छाता नदी घाट के अलावा अन्य सरोवरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। विभिन्न स्वयंसेवी और धार्मिक संस्थाओं द्वारा व्रतियों के बीच अर्घ्य के लिए दूध का वितरण किया गया। जिला मुख्यालय के अलावा तोरपाए कर्राए रनियाए मुरहूए अड़की के प्रखंड मुख्यालय और अन्य कस्बाई इलाकों में भी सूर्योपासना का महापर्व पूरी श्रद्धा.भक्ति और पवित्रता से मनाया जा रहा है। शनिवार को सुबह उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महाव्रत का समापन हो जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार / अनिल/ वंदना-hindusthansamachar.in

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