धरोहर श्रृंखला के 29वें वीडियो को प्रदेश अध्यक्ष व अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर किया अपलोड
धरोहर श्रृंखला के 29वें वीडियो को प्रदेश अध्यक्ष व अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर किया अपलोड

धरोहर श्रृंखला के 29वें वीडियो को प्रदेश अध्यक्ष व अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर किया अपलोड

रांची, 11 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम, मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी द्वारा जारी धरोहर श्रृंखला के 29वें वीडियो ने सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर अपलोड कर देश के वर्तमान पीढ़ियों को अवगत कराने का काम किया। रामेश्वर उरांव शुक्रवार को राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की उनतीसवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं ट्विटर पर जारी पोस्ट को शेयर करने के उपरांत मीडिया कर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस अधिवेशन में श्री मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में तैयार नेहरू रिपोर्ट भारतीय बुद्धिमता पर सवाल उठाती ब्रिटिश हुकूमत को करारा जवाब थी। नेहरू रिपोर्ट ने हमारे महान संविधान की संरचना का खाका तैयार कर दिया था, धरोहर का यह एपिसोड भारतीय बुद्धिमत्ता का उत्कृष्ट उदाहरण है। डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अंग्रेज सत्ता अहंकार में इतनी चूर हो गई थी कि उसको भारतीय हर मामले में अयोग्य नजर आने लगे। साइमन कमीशन के समय भी अंग्रेजों ने यह कहते हुए कि भारतीय संविधान बनाने योग्य नहीं है एक भी भारतीय को कमीशन का सदस्य नहीं बनाया गया। पंडित जवाहरलाल नेहरू सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं और देशवासियों को अंग्रेजों के ये अहंकार और भारतीयों को कम आंकने की हनक भीतर तक छुभ गई। कांग्रेस में 1927 के मद्रास में संविधान का ड्राफ्ट बनाने की अंग्रेजों की चुनौती स्वीकार की और यहीं से नेहरू रिपोर्ट का जन्म हुआ। संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मोतीलाल नेहरू की अगुवाई में एक समिति बनी जिसके सचिव बने पंडित जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस। कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कांग्रेस की धरोहर उनतीसवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप,इंस्टाग्राम पर जारी करते हुए कहा कि सभी दलों की सिफारिश पर तैयार नेहरू रिपोर्ट में देश को डोमिनियन स्टेटस की बात की गई। हालांकि पंडित नेहरू और नेताजी जैसे युवा कांग्रेसी नेता पूर्ण स्वराज के पक्ष में थे, यही नहीं 21 साल की उम्र के महिला पुरुष के लिए समान मताधिकार सहित 19 मौलिक अधिकार की वकालत नेहरू रिपोर्ट में की गई। नेहरू रिपोर्ट में धर्मनिरपेक्षता की भी सिफारिश की गई। मंत्री बादल पत्रलेख एवं बन्ना गुप्ता ने धरोहर वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक, ट्विटर व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर जारी करते हुए कहा कि नेहरू रिपोर्ट में धर्मनिरपेक्षता की सिफारिश के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट की स्थापना और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को भी प्राथमिकता दी गई। इसके अतिरिक्त नेहरू रिपोर्ट में मांग की गई भारतीयों के मौलिक अधिकार जब्त नहीं किए जाएंगे । हिन्दुस्थान समाचार /वंदना-hindusthansamachar.in

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