तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों सहित 18 लोगों को कोर्ट ने किया रिहा
तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों सहित 18 लोगों को कोर्ट ने किया रिहा

तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों सहित 18 लोगों को कोर्ट ने किया रिहा

रांची, 28 सितम्बर (हि.स.)। तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों सहित 18 लोगों को सिविल कोर्ट ने सोमवार को बहुत बड़ी राहत दी है। सीजेएम फहीम किरवानी ने तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों और रांची के हिंदपीढी निवासी एक व्यक्ति के चार्जफ्रेम पर सुनवाई की। तब्लीगी जमात के 17 आरोपियों ने कोर्ट से अपने देश वापस लौटने की इच्छा जतायी। मामले में पैरवी करते हुए हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता ए अल्लाम ने कोर्ट को बताया कि 31 अगस्त को डिस्चार्ज पिटिशन पर सुनवाई के दौरान इनके खिलाफ लगे द फॉरेन एक्ट 1946 की धारा 13/14 (बी) (सी) और आइपीसी की धारा 270, 271 सहित कई धाराएं हटा ली गयी है। इन लोगों ने तीन माह से अधिक जेल में रह चुके है। इसलिए इन पर जुर्माना लगाते हुए मामले( केस) को खत्म कर दिया जाए। इसपर कोर्ट ने तब्लीगी जमात के 17 लोगों में प्रत्येक को 2200- 2200 रुपये जुर्माना जमा कर रिहा करने का आदेश देते हुए केस को खत्म कर दिया। कोर्ट ने इनपर आइपीसी की धारा 269 के तहत एक- एक हजार रुपये जुर्माना, आइपीसी की धारा 290 के तहत 200-200 रुपये जुर्माना तथा एपिडेमिक डिजीज एक्ट की सेक्शन बी के तहत एक- एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया। रिहा होने वालों में यूके का महासीन अहमद, काजी दिलावर हुसैन,लंदन का जाहिद कबीर, शिपहान हुसैन खान, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, हॉलैंड का मो सैफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का नदीम खान, जांबिया का मूसा जालाब, फरमिंग सेसे, मलेशिया का सिति आयशा बिनती, नूर रशीदा बिनती, नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामा, महाजीर बीन खामीस, मो शफीक और मो अजीम तथा रांची के हाजी मेराज शामिल हैं। कोर्ट ने रांची के हिंदपीढी निवासी हाजी मेराज के खिलाफ कुल 6200 रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट को बताया गया कि तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों को रांची से 30 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, इन्हें 15 जुलाई को हाइकोर्ट से जमानत मिली थी। सभी टूरिस्ट के रूप में भारत आये थे। वे दिल्ली में एक जलसा में शामिल होने के बाद 18 मार्च को रांची पहुंचे थे, उन्हें तीन माह के अंदर अपने- अपने देश वापस लौटना था। छह माह से कम के टूरिस्ट वीजा पर आने वालों को प्रशासन को खबर करने की जरूरत नहीं थी। इन्होंने कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया। लॉक डाउन के कारण वे रांची में फंस गये थे और मस्जिद में रूके हुए थे। उल्लेखनीय है कि इन विदेशी नागरिकों को कोरोना फैलाने के आरोप में रांची के हिंदपीढ़ी इलाके से गिरफ्तार किया गया था। तब्लीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी नागरिकों को रांची के हिंदपीढ़ी इलाके की बड़ी मस्जिद और मदीना मस्जिद से गिरफ्तार किया गया था। छानबीन के बाद 9 अप्रैल को भादवि की धारा 188, 269, 270, 271 'द फॉरेनर्स एक्ट 1946' की धारा 13 14 (बी)(सी) और 'द नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट' की धारा 51 के तहत इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इन 17 विदेशियों में से एक 22 वर्षीय मलेशियाई महिला कोरोना संक्रमित पाई गई थी, जो झारखण्ड में कोरोना का पहला मामला था।विदेशी नागरिकों पर आरोप था कि वे टूरिस्ट वीजा पर भारत आये और यहां आकर धर्म प्रचार करने में जुट गये। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। रांची में धारा-144 लागू थी। बावजूद विदेशी नागरिक सरकार के आदेश का उल्लंघन कर धर्म प्रचार में लगे रहे। इसके लिए लोगों को एकत्रित किया। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास/वंदना-hindusthansamachar.in

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