कोरोना काल में टूट रही है कोचिंग संस्थानों की सांस : नीरज वर्मा
कोरोना काल में टूट रही है कोचिंग संस्थानों की सांस : नीरज वर्मा

कोरोना काल में टूट रही है कोचिंग संस्थानों की सांस : नीरज वर्मा

रांची, 10 अगस्त (हि. स.)। रांची सहित पूरे राज्य में लाखों की संख्या में छोटे बड़े कोचिंग संस्थान संचालित होते आये है। जिनके कंधों पर छात्र छात्राओं के शैक्षणिक क्षेत्र के चौमुखी उत्थान का दारोमदार होता है। लेकिन लॉक डाउन की वजह से कोचिंग संस्थान बंद चल रहे है जिसके वजह से इन कोचिंग संस्थानों में कार्यरत लाखों शिक्षक एवं शिक्षाविद बेरोजगार हो गए है। वहीं कोचिंग संस्थानों की आर्थिक रूप से कमर टूट गयी है। यही हाल प्रायः प्रायः निजी ट्यूशन देने वाले शिक्षकों का भी है जिनका रोजगार ही छात्र छात्राओं को शिक्षा प्रदान कर अपनी आजीविका चलाना था। आज राज्य उच्च शिक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान कोरोना संक्रमण और सरकार की उदासीनता का दंश झेल रहे है। यह बातें आजसू के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा ने सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र की गति मंद पड़ गयी है। ऐसे में इस गति को रफ्तार देने की जिमेदारी राज्य सरकार की है। कोचिंग संस्थानों की वजह से यहां बड़ी संख्या में स्थानीय छात्र छात्राओं के अलावा अन्य राज्यों से भी छात्र छात्राएं आते है और इस वजह से कई शहरों की अर्थव्यवस्था में भी इन कोचिंग संस्थानों का खासा योगदान रहता है। आज कई कोचिंग संस्थानों के संचालक सरकार से मांग कर रहे है कि उनके स्थिति पर विचार किया जाए ताकि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को आर्थिक संकट के दौर से बचाया जा सके। नीरज वर्मा ने सोमवार को कहा कि ज्यादातर कोचिंग संस्थान किराए के मकानों एवं भवनों में चलते है। ऐसे में सरकार की उदासीनता से भवन एवं मकान मालिक भी रेंट का दबाव बना रहे है। सरकार को प्राथमिकता के आधार पर छात्र छात्राओं से जुड़े शिक्षण वर्ग एवं कोचिंग संस्थानों के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि दम तोड़ते इस वर्ग को संजीवनी मिल सके। अभी वर्तमान परिस्थिति ऐसी है कि सैकड़ों की संख्या में कोचिंग संचालक अपना कोचिंग बंद कर चुके है। ऐसे में अगर सरकार ने जल्द ही कोचिंग संस्थानों के दम तोड़ने वाली भयावह परिस्थिति पर ध्यान नही दिया तो लाखों- करोड़ों छात्र छात्राओं का भविष्य जिनका दारोमदार इन कोचिंग संस्थानों पर है अंधकारमय हो जाएगा। नीरज वर्मा ने कहा कि आजसू मांग करती है कि सरकार अविलंब कोचिंग संस्थानों के लिए आर्थिक पैकेज की व्यवस्था कर इनके पुनरुत्थान के प्रयास तेज करे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ विनय-hindusthansamachar.in

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