कांग्रेस ने धरोहर श्रृंखला में जारी किया बारहवीं वीडियो
कांग्रेस ने धरोहर श्रृंखला में जारी किया बारहवीं वीडियो

कांग्रेस ने धरोहर श्रृंखला में जारी किया बारहवीं वीडियो

रांची, 22 सितम्बर (हि. स.)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पूज्य बापू यूं ही आजादी के महानायक नहीं बन गए थे। भारत भूमि पर आते ही वह देशवासियों की पीड़ा जानने के लिए एक सामान्य व्यक्ति की भांति देश की यात्रा पर निकल पड़े। इसी यात्रा में बिहार ने बापू को उनकी यात्रा का पता बताया और जरिया बना चंपारण। उरांव मंगलवार को राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की बारहवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं ट्विटर पर जारी पोस्ट को शेयर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नौ जनवरी 1915 को महात्मा गांधी का भारत आगमन हो चुका था। अपने गुरु गोपाल कृष्ण गोखले की सलाह पर गांधीजी संघर्ष के उस दौर में भारत को जानने, देश की समस्याओं को महसूस करने के लिए पूरे देश की अनथक यात्रा पर निकल पड़े, उनकी इस यात्रा में एक पड़ाव आता है बिहार का चंपारण जिला, जहां कि किसानों को ब्रिटिश हुकूमत जबरन नीम की खेती करने के लिए मजबूर कर रही थी। नीम की ये खेती किसानों के खेतों के साथ उनके भविष्य को भी निगल रही थी।महात्मा गांधी इन किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आए। इन किसानों की दुर्दशा दूर करने के लिए गांधी ने भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन शुरू किया जो आगे चलकर इतिहास में चंपारण सत्याग्रह के नाम से जाना गया। कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अंग्रेजों के जुल्म से जब चंपारण त्रस्त था तो महात्मा गांधी मोतिहारी के चंपारण पहुंचकर सत्याग्रह का जो बिगुल फूंका वह चंपारण सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध है। उन्होंने गुरु के अत्याचार से निलहे किसानों को मुक्ति दिलाई और किसानों से जबरन नील की खेती कराने की प्रथा पर रोक लगाई । चंपारण सत्याग्रह महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन का भारत भूमि पर पहला प्रयोग था जो मील का पत्थर साबित हुआ। मंत्री बादल पत्रलेख और बन्ना गुप्ता ने कहा कि बिहार के चंपारण से अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता से भारतीय लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए चंपारण आंदोलन की शुरुआत जन आंदोलन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। जिस पर न सिर्फ भारत वासियों की विजय हुई थी बल्कि अंग्रेजी हुकूमत को अपने निर्णय से वापस लौटना पड़ा था। देश ने पहली बार सत्याग्रह की शक्ति का एहसास किया था। कांग्रेस पार्टी अपने बुजुर्गों और देश के लिए किए गए कार्यों को कभी जीते जी भूल नहीं सकती। आजादी पाने के लिए हमारे महान विभूतियों ने जो कुर्बानियां और बलिदान दी हैं। इस धरोहर वीडियो के माध्यम से देश की जनता देख रही है । इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से धरोहर वीडियो की बारहवीं कड़ी को झारखंड की जनता के नाम समर्पित किया। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/वंदना-hindusthansamachar.in

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