कांग्रेस ने धरोहर श्रृंखला की 27 वीं वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया
कांग्रेस ने धरोहर श्रृंखला की 27 वीं वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया

कांग्रेस ने धरोहर श्रृंखला की 27 वीं वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया

रांची, 22 नवम्बर (हि.स.)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे सहित अन्य नेताओं ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी द्वारा जारी धरोहर श्रृंखला की 27वीं वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देश के वर्तमान पीढ़ियों को अवगत कराने का काम किया। उरांव रविवार को राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की 27वीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा कि बारदोली में अंग्रेज हुकूमत की निर्मम लगान वृद्धि के बाद किसानों की अडिगता ने ब्रिटिश हुकूमत के पांव तले जमीन खिसका दी। बारदोली सत्याग्रह की सफलता को आज हर एक हिंदुस्तानी को करीब से जानने की आवश्यकता है, ताकि जब हमारे देश के अन्नदाता पर अत्याचार हो तो हम राजनीतिक दलों,धर्मों, क्षेत्रों और जातियों में न बटें। पढ़ने में बारदोली सिर्फ किसान सत्याग्रह लगता है लेकिन बारदोली ने सिर्फ किसानों की एकता को ही आवाज नहीं दी बल्कि इसने हिंदू-मुस्लिम एकता की जो मिसाल पेश की वह आज भी अद्भुत है। दरअसल इस आंदोलन के दौरान किसानों ने रामायण और कुरान के हिस्सों का पाठ किया और ईश्वर एवं खुदा के नाम पर शपथ ली। गांधी का मार्गदर्शन, पटेल का नेतृत्व, किसानों की अडिगता, हिंदू मुस्लिम एकता, राष्ट्रव्यापी चेतावनी इन सब ने अंग्रेज हुकूमत की नींद उड़ा दी और अंग्रेज हुकूमत को झुकना पड़ा। लगान को कम करके 6.03 प्रतिशत करना पड़ा। सभी किसानों की भूमि तथा जानवरों को लौटाने का सरकारी फरमान जारी किया। उरांव ने कहा कि बारदोली सत्याग्रह के विजय के महत्व को गांधी के इन शब्दों में समझा जा सकता है। बारदोली संघर्ष चाहे जो कुछ भी हो यह स्वराज की प्राप्ति के लिए संघर्ष नहीं है, लेकिन इस तरह का हर संघर्ष हर कोशिश हमें स्वराज के करीब पहुंचा रहा है। बारदोली से इसी सत्याग्रह ने बल्लभ भाई पटेल को सरदार पटेल बनाया। बारदोली की महिलाओं ने बल्लभ भाई पटेल के सरदार का नाम दिया और गांधी ने भरी सभा में सरदार नाम दोहराए। उस बारदोली को आज नौ दशक से ज्यादा का समय हो गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तब भी किसानों के साथ खड़ी थी और आजादी के बाद से लेकर आज तक कांग्रेस ने किसान हितों की रक्षा में आवाज उठाने में कोई कोताही नहीं बरती। वर्तमान में भी किसानों पर वैसी ही अत्याचार जारी है। चाहे वह कृषि के उपकरणों पर टैक्स, हो काले कानून हों या आवाज उठाने पर दमन, जब सब कुछ वैसा ही है तो लड़ाई भी वैसी ही होनी चाहिए।धर्म,क्षेत्र ,जाति रंग,नस्ल,संप्रदाय का भेद भुलाकर लड़ी गई लड़ाई ही सफल होती है। देश की धरोहर को बचाने के लिए हमें भेदभाव को मिटाना होगा। मतभेदों को भूलना होगा और और सिर्फ देश याद रखना होगा तभी हम पूर्वजों की धरोहर को बचा पायेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ वंदना-hindusthansamachar.in

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