कांग्रेस ने जारी की श्रृंखला धरोहर की दसवीं वीडियो
कांग्रेस ने जारी की श्रृंखला धरोहर की दसवीं वीडियो

कांग्रेस ने जारी की श्रृंखला धरोहर की दसवीं वीडियो

रांची, 16 सितम्बर (हि. स.)। झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि अफ्रीका में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा नस्लभेद से शुरू हुई लड़ाई विश्व भर में मानवीय अधिकारों की मिसाल बन गई और यहीं से जन्म हुआ सत्याग्रह का। सत्य, सत्याग्रह और अहिंसा के आदर्शों ने पूज्य गांधी को वैश्विक महानायक बना दिया। उरांव बुधवार को राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की दसवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं ट्विटर पर जारी पोस्ट को शेयर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा गांधी का भारत भूमि पर सफल आगमन संघर्षों की पूरी प्रक्रिया थी। उस प्रक्रिया में अफ्रीका में भारतीय हितों के लिए किए गए संघर्ष शामिल है। क्योंकि गांधी एक दिन में नहीं बना जाता है। गांधी बनने के लिए चाहिए त्याग, तप, साधना, संघर्ष और बलिदान। 1893 में एक साल के अनुबंध पर कानून का अभ्यास करने अफ्रीका गए गांधी सात समुंदर पार भारतीय राष्ट्रवाद की मुखर आवाज बन गये। प्रथम श्रेणी की ट्रेन में रंगभेद के शिकार हुए पूज्य बापूजी ने तय किया कि एक भारतीय के रूप में वह अपने हर संभव अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे।व्यक्तिगत अपमान से शुरू हुई यह लड़ाई अफ्रीका में भारतीय अधिकारों की आवाज बन गई। 1894 में उन्होंने इसके लिए नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की। 1906 में एक अधिनियम गांधीजी और तमाम एशियाई लोगों की पहचान पर सवाल खड़े कर देता है। गांधी इसके विरोध में खड़े हो जाते हैं और इस तरह 11 सितंबर 1906 को अफ्रीका में गांधी के पहले सत्याग्रह का जन्म होता है ।10 जनवरी 1908 में गांधी को जेल भेज दिया जाता है। जेल से छूटते ही गांधी विरोध स्वरुप अपने कागज जला देते हैं। पूरा एशियाई समुदाय गांधी के साथ खड़ा हो जाता है। सात अक्टूबर 1908 को फिर गाँधी को जेल की सजा होती है और अंत में गांधी इंग्लैंड जाते हैं। भारतीय समुदाय को एकजुट करते हैं। इंग्लैंड से वापस अफ्रीका लौटने के बाद 1914 में गांधी का संघर्ष रंग लाता है और न केवल भारतीयों की नागरिकता पूछने वाला अधिनियम वापस लिया जाता है बल्कि सभी भारतीयों को जेल से छोड़ दिया जाता है। मोहनदास करमचंद गांधी के महात्मा और महात्मा से राष्ट्रपिता बनने की यात्रा अनगिनत संघर्षों, कठिनाइयों और जनसहयोग की बानगी है। 1994 में अफ्रीका ने गांधी को अपने राष्ट्र नायक के रूप में पहचान दिया। स्वंय नेल्सन मंडेला ने रंगभेद की लड़ाई में गांधीजी के योगदान को सराहा। कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कहा कि 1914 में गांधी के इंग्लैंड से लौटने के बाद दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने नस्लवादी नागरिकता कानून को रद्द कर दिया। सभी भारतीयों को जेल से रिहा कर दिया। यह गांधी के संघर्ष का सीधा असर था। भारतीय अधिकारों के लिए गांधी की लड़ाई तब शुरू हुई जब वे दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का शिकार हुए थे। 1894 में उन्होंने भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव से लड़ने के लिए नेटाल कांग्रेस की स्थापना की थी। अभी तक तो गांधी का भारत भूमि पर विराट रूप देखना बाकी है। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस अपने बुजुर्गों और देश के लिए किए गए कार्यों को कभी जीते जी भूल नहीं सकती। आजादी पाने के लिए हमारे महान विभूतियों ने जो कुर्बानियां और बलिदान दी हैं इस धरोहर वीडियो के माध्यम से देश की जनता देख रही है । प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा धरोहर वीडियो की आज जारी दसवीं कड़ी में पूज्य.बापू का पदार्पण महानायक के रुप में हुआ जिसने पूरी दुनिया में भारत वासियों की एक अलग पहचान बना दी। राष्ट्रपिता ने देशवासियों के साथ मिलकर जो काम किया वह इतिहास के लिए भी और पूरी दुनिया के लिए भी अविस्मरणीय घटना है और उसी मार्ग पर कांग्रेस पार्टी और देश आगे बढ़ रही है। प्रवक्ताओं ने कहा कि धरोहर वीडियो के माध्यम से कांग्रेस के किए गए कार्यों को देश की जनता के सामने लाने का काम किया जा रहा है यह श्रृंखला आगे भी जारी रहेगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सोशल मीडिया के कोऑर्डिनेटर गजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में हजारों काग्रेस के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, विधायक ,सांसद, मंत्रियों ने धरोहर वीडियो को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के समक्ष प्रेषित किया है जो काफी ट्रेंड कर यहा है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/विनय-hindusthansamachar.in

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