आर्थिक सशक्तीकरण की नई इबारत गढ़ रही हैं लोहरदगा की महिलायें ।
आर्थिक सशक्तीकरण की नई इबारत गढ़ रही हैं लोहरदगा की महिलायें ।

आर्थिक सशक्तीकरण की नई इबारत गढ़ रही हैं लोहरदगा की महिलायें ।

रांची, 17 जुलाई ( हि.स.) । झारखंड के लोहरदगा जिले में चालीस ग्रामीण महिलायें आर्थिक सशक्तीकरण की नई इबारत गढ़ रही हैं। ये महिलायें केंचुआ खाद यानी बर्मी कंपोस्ट बनाने का कारोबार कर रही हैं। इससे ना केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी है, बल्कि उन्हें एक नई पहचान भी मिली है। लोहरदगा जिले के बुंगड़ू गांव की महिलाओं ने गोबर से सोना निकालने की बानगी को चरितार्थ किया है। शुरूआती दौर में गोबर से केंचुआ खाद बनाने की हिम्मत गांव की केवल बारह महिलाओं ने दिखायी थी। लेकिन वक्त के साथ कारवां बढ़ता गया और आज चालीस महिलायें इस कारोबार से जुड़ गई हैं। अपने लिए आर्थिक तरक्की का मार्ग बनानेवाली इन महिलाओं की माली स्थिति आज से आठ साल पहले तक बेहद खराब थी। तब इन्हें नाबार्ड और प्रदान संस्था का सहारा मिला। नाबार्ड ने स्वरोजगार के लिए इन्हें ऋण उपलब्ध कराया तो प्रदान ने इन्हें संगठित कर प्रशिक्षित किया। इन महिलाओं द्वारा बनाया गया केंचुआ खाद की मांग ना केवल लोहरदगा में है, बल्कि गुमला, लातेहार, पलामू, गिरिडीह और खूंटी जैसे जिलों में भी इसने अपनी छाप छोड़ी है। आज इन महिलाओं ने एक सीजन में एक लाख रूपये तक की कमाई कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार ली है। हिंदुस्थान समाचार /विनय/सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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