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वैश्विक महामारी की दवा का पेटेंट न दे डब्ल्यूटीओ :दिगेश त्रिवेदी

पाकुड़, 01जून (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोविड- 19 के मद्देनजर अपने घोषित प्रावधानों तहत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू टी ओ) किसी भी दवा व टीका निर्माता कंपनियों को किसी भी कीमत पर पेटेंट न दे ताकि विश्व के करोड़ों गरीबों के प्राणों की रक्षा हो सके। ये बातें मंगलवार को स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सिन एवं दवाइयाँ अभियान अथवा यूनिवर्सल एक्सेस टु वैक्सिन्स एंड मेडिसिन्स (यू ए वी एम)के अभियान प्रमुख दिगेश त्रिवेदी ने कहीं।मौके पर मंच के जिला संयोजक प्रदीप कुमार जायसवाल भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वैश्विक दवा व टीका निर्माता तथा कंपनियाँ अधिकाधिक मुनाफा कमाने के लिए पेटेंट की आड़ लेकर इनके पर्याप्त उत्पादन को बाधित कर रखा है।फलस्वरूप कोविड- 19जैसी महामारी की चपेट में आकर विश्व की अधिकांश आबादी तड़प रही है, जबकि जीवन का अधिकार मानव का सार्वभौम मौलिक अधिकार है।ऐसे में जीवन रक्षक दवाओं व टीकों का पेटेंट अधिकार विश्व मानवता को खतरे में डालने से अलग कुछ नहीं हो सकता। इसके मद्देनजर स्वदेशी जागरण मंच ने यूएवीएम या कि युवम के जरिए संपूर्ण विश्व में डिजिटल हस्ताक्षर अभियान, ऑनलाइन मीटिंग, वेविनार, धरना- प्रदर्शन आदि कार्यक्रम चला रहा है।उन्होंने बताया कि अमेरिका, इजरायल सरीखे विश्व के छह विकसित देशों ने अपने यहाँ की संपूर्ण वयस्क आबादी का टीकाकरण पूरा कर लिया है।फलस्वरूप वैसे देशों में कोरोना का प्रसार रूक गया है।लेकिन भारत सहित विश्व की 600 करोड़ समग्र वयस्क आबादी का टीकाकरण अविलंब करना जरूरी है।जिसके लिए युवम सभी जरूरी दवाओं व टीकों को पेटेंट मुक्त एवं टेक्नोलॉजी युक्त कर उनके अधिकाधिक उत्पादन अधिकार सभी सक्षम दवा कंपनियों व निर्माताओं को देने की मांग करता है।चाहे वे किसी भी देश के हों।उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में 70 फीसदी आबादी के लिए टीके की दो सौ करोड़ डोज की सख्त जरूरत है।जिसके पर्याप्त उत्पादन व ससमय उत्पादन हेतु उसका पेटेंट मुक्त एवं टेक्नोलॉजी युक्त होना नितांत आवश्यक है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने गत अक्टूबर महीने में ही डब्ल्यू टी ओ को वैश्विक महामारी के मद्देनजर अपने निहित प्रावधान के तहत सभी जीवन रक्षक दवाओं व टीकों सहित तकनीकों को पेटेंट मुक्त करते हुए सर्व सुलभ कराने का प्रस्ताव भेजा है।जिसका विश्व के तकरीबन 150 देशों ने प्रत्यक्ष समर्थन भी कर दिया है।युवम विश्व के सभी देशों की सरकारों से इन दवाओं के मूल्य नियंत्रण सहित इस दिशा में सार्थक पहल का आग्रह करता है ताकि पीड़ित मानवता की रक्षा हो सके। साथ ही इसके लिए डब्ल्यू टी ओ, जी-7, जी- 20 समेत अन्य सभी वैश्विक मंचों के जरिए राजनयिक प्रयास तेज करने की भी अपील करता है।साथ ही मांग करता है कि डब्ल्यू टी ओ बौद्धिक संपदा अधिकार के प्रावधानों में छूट दे, वैश्विक दवा कंपनियाँ- निर्माता मानवता की रक्षा के लिए स्वेच्छा से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित पेटेंट मुक्त अधिकार दें तथा विश्व की सरकारें पेटेंट धारकों के अलावा अन्य सभी सक्षम दवा निर्माताओं व कंपनियों को वैक्सिन तथा दवा निर्माण के अधिकारों सहित अपेक्षित सभी सहयोग करें।ताकि जरूरी दवाओं व टीकों का पर्याप्त उत्पादन हो सके। हिन्दुस्थान समाचार/ कुमार रवि

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