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कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ कर आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलाएं

-महिला सशक्तीकरण में सकारात्मक बदलाव जिला प्रशासन का लक्ष्य: उपायुक्त खूंटी, 31 मार्च(हि .स.)। जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में हर स्तर पर सकारात्मक बदलाव प्रदर्शित हो। खूंटी जिले के जिले के सुदूरवर्ती गांवों की महिलाओं में आत्मविश्वास जागृत करने का प्रयास निरन्तर जारी है। प्रत्येक क्षेत्र में माहिलाएं आजीविका के साधनों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। ये बातें उपायुक्त ने कहीं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संगठित झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा जिले में बड़े पैमाने पर सामाजिक समावेशन के अंतर्गत ड्राइव के माध्यम से महिलाओं को जागरूक व संगठित करने का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में सखी मंडल के तीन स्तर हैं, जिनमें स्वयं साहायता समूह, महिला ग्राम संगठन व महिला संकुल संगठन शामिल है। संगठित होने के पश्चात इन समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त करने पर जोर दिया जाता है। गठन के तीन महीने के बाद समूह के नाम से बैंक का खाता खोला जाता है। लेन-देन करने का अधिकार समूह के अध्यक्षए सचिव व कोषाध्यक्ष के माध्यम से किया जाता है। सखी मण्डलों द्वारा निर्मित वस्तुओं को पलाश ब्रांडिंग से मिल रही पहचान पलाश ब्रांड का शुभारंभ इसी वर्ष मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं द्वारा उत्पादित किये जा रहे सामानों को सही बाज़ार मुहैया कराया जा सके। इसी कड़ी में खूंटी की महिलाओं द्वारा खूंटी बाजारटांड में पलाश मार्ट की शुरुआत की गयी है। इसमें प्रदेशभर की महिला श्रम शक्ति द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। इन सामग्रियों के गुणवत्ता एवं पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। खूंटी जिले में अब तक दस से भी अधिक उत्पादों को इसमें शामिल किया गयाए जिसमे साबुनए मसालाए लेमनग्रास तेल, अगरबत्ती, इमली, तेजपत्ता, लाह चूड़ी, आटा, दाल इत्यादि शामिल हैं। डीसी ने कहा कि महिलाओं को विकास की जरूरत नहीं, बल्कि विकास को महिलाओं की जरूरत है। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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