वेब मीटिंग में एनपीयू के कुलपति ने विश्वविद्यालय से संबंधित दी कई जानकारियां
वेब मीटिंग में एनपीयू के कुलपति ने विश्वविद्यालय से संबंधित दी कई जानकारियां

वेब मीटिंग में एनपीयू के कुलपति ने विश्वविद्यालय से संबंधित दी कई जानकारियां

मेदिनीनगर, 10 जुलाई (हि.स.)। झरखण्ड सरकार के उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के मुख्य सचिव ने शुक्रवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) राम लखन सिंह भी मौजूद थे। कुलपति ने बैठक के बाद हिन्दुस्थान समाचार को जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में मुख्य रूप से चांसलर पोर्टल के क्रियान्वयन की प्रगति एवं यूजीसी के संशोधित गाइडलाइन के आलोक में परीक्षा आयोजित करने के बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। कुलपति प्रोफेसर डॉ राम लखन सिंह ने बताया की हुई बैठक में चांसलर पोर्टल के संबंध में जानकारी दी गई कि नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर पर नामांकन एवं पंजीयन की प्रक्रिया चांसलर पोर्टल के माध्यम से पूरी की जा चुकी है जबकि स्नातकोत्तर में चांसलर पोर्टल से नामांकन के लिए टेस्टिंग की जा रही है। कुलपति ने बताया कि व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिये भी चांसलर पोर्टल के माध्यम से नामांकन लेने की प्रक्रिया विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही है। परीक्षाओं कि आयोजन के संबंध में यह बात चर्चा के क्रम में आयी की परीक्षा आयोजित करने अथवा छात्रों को प्रमोट करने में मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। पहला, ऐसे विषय जिनमें प्रायोगिक या इंटरनल परीक्षाएं नहीं होती है। दूसरा, ऐसे विषय जिनमें प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं हो सकी है एवं इंटरनल परीक्षा नहीं हुई है व तीसरा, ऐसे विषय जिसमें प्रायोगिक व इंटरनल दोनों ही परीक्षाएं हो चुकी है। कुलपति ने बताया की उन्होने भी अपनी बात बैठक में रखते हुए कहा कि नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय का सत्र काफी विलंब से चल रहा है। जिसके कारण सेमेस्टर सिस्टम से पूर्व के सत्र के स्नातक फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। इस क्रम में यह सुझाव भी दिया कि इस संबंध में कुलपतियों की एक समिति बनाई जा सकती है जो सभी परिस्थितियों को देखते हुए यूजीसी के संशोधित गाइडलाइन के आलोक में परीक्षाएं आयोजित करने अथवा छात्रों को प्रमोट करने के लिए एक उचित नीति- निर्धारण के लिए सुझाव देगी एवं झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों के लिए इस विषय के लिए में एक समान नीति का निर्धारण किया जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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