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एकलव्य विद्यालय को लेकर सांसदों के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिया जवाब

रांची, 08 फरवरी (हि. स.)। रांची के सांसद संजय सेठ और गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में तारांकित प्रश्न काल के दौरान झारखंड के जनजाति बच्चों को उन्हीं के परिवेश में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का मामला उठाया। उन्होंने जानना चाहा कि क्या 2022 तक 740 एकलव्य आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) खोले जाएंगे। अब तक झारखंड में किन किन जिलों में कितने जनजाति बच्चों के लिए स्कूल खोले गए हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने जवाब देते हुए बताया जनजाति बच्चों को उनके अपने वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 1998 -99 से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) स्थापित किए जा रहे हैं। एक ईएमआरएस में 480 छात्रों को समायोजित करने की क्षमता है। वर्ष 2018 -19 के बजट की घोषणा के अनुसार वर्ष 2022 तक 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति वाले और कम से कम 20 हजार अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) होना चाहिए। केंद्र सरकार ने देश भर में ऐसे 452 ब्लॉक की पहचान की है। बजट घोषणा के अनुसार वर्ष 2020 -22 तक देश भर में 588 (ईएमआरएस) स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से 288 पुराने (ईएमआरएस) है और 300 नई (ईएमआरएस ) है । वर्ष 2021-22 के दौरान अन्य 152 स्कूलों की मंजूरी दी जानी है। जिसमें वर्ष 2022 तक देश में (ईएमआरएस) की कुल संख्या 740 हो जाएगी। झारखंड में कुल नौ जिलो में यह आवासीय विद्यालय संचालित है। जिसमें लातेहार ,लोहरदगा, पाकुड, पलामू, रांची, साहेबगंज, सरायकेला ,सिमडेगा, पश्चिम सिहभूम शामिल है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in

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