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दस लाख का इनामी रघुवंश गंझू सहित दो उग्रवादियों ने किया सरेंडर

रांची, 08 मार्च (हि.स.)। झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमिटी (टीएसपीसी) के दो इनामी नक्सलियों ने चतरा डीसी दिव्यांशु झा और एसपी ऋषभ कुमार झा के समक्ष हथियार के साथ सरेंडर कर दिया। एसपी ऋषभ कुमार झा के पहल पर 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर रघुवंश गंझु उर्फ चिरेतन और एक लाख के ईनामी सब जोनल कमांडर लक्ष्मण गंझू उर्फ पत्थर ने हथियार के साथ सोमवार को सरेंडर कर दिया है। समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय में दोनों ने आत्मसमर्पण किया। इस मौके पर जोनल कमांडर रघुवंश ने .303 बोर के एक रायफल, मैगजीन व 8 एमएम का 200 राउंड जिंदा कारतूस व लक्ष्मण उर्फ पत्थर ने ने एक एसएलआर, 7.62 एमएम का 145 राउंड जिंदा कारतूस, तीन एसएलआर मैगजीन, वर्दी व एम्युनेशन के साथ सरेंडर किया है। सरेंडर के बाद डीसी, एसपी व एसडीपीओ ने दोनों नक्सलियों के परिजनों को इनामी राशि का चेक सौंपा। डीसी दिव्यांशु झा व एसपी ऋषभ झा ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत करते हुए कहा कि नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के लिए सरकार का द्वार खुला है। सरकार न सिर्फ उन्हें आत्मसमर्पण नीति का संपूर्ण लाभ देगी बल्कि उनके गांव घर के विकास का भी रूपरेखा तैयार कर उन्हें विकास का सौगात देगी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने कहा है कि आज टीएसपीसी नक्सली संगठन का वजूद लगभग समाप्त हो चुका है। संगठन में गिने-चुने लोग ही बचे हैं। ऐसे में अब संगठन का झंडा ढोने के बजाय मुख्यधारा में शामिल होकर विकास में अपनी भूमिका निभाना ही एकमात्र विकल्प नक्सलियों के समक्ष बच गया है। इस मौके पर सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट पवन कुमार बासन व एसडीपीओ अविनाश कुमार मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास

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