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गरीबों का खून चूस रहा है छावनी परिषद का कानून : शंकर चौधरी

रामगढ़, 10 जून (हि.स.)। रामगढ़ के पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने छावनी परिषद के सीईओ के खिलाफ जमकर आग उगला है। गुरुवार को उन्होंने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि छावनी परिषद का कानून गरीबों का खून चूस रहा है। अमीरों के लिए वह कानून कोई मायने नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ छावनी परिषद के कई सीईओ सिर्फ लूट के अफसर बनना चाहते हैं। उनमें से वर्तमान सीईओ भी शामिल हैं। यह सिर्फ अपने पॉकेट भरने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीईओ ना तो लोगों का फोन उठाते हैं और ना ही जनप्रतिनिधियों से बात करते हैं। यहां तक कि उनको लिखे गए पत्र का जवाब भी वह नहीं देना चाहते। शंकर चौधरी ने कहा कि छावनी परिषद के अधिकारियों की अनदेखी के कारण रामगढ़ की जनता के पास आंदोलन करने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है। पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए एक गरीब महिला ने जब छावनी परिषद कार्यालय में आवेदन दिया तो उसे 70 दिन के बाद तब प्रमाण पत्र मिला जब आंदोलन किया गया। यहां तक की छावनी परिषद के एक कर्मचारी ने मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर गलत रिपोर्ट भी सौंप दी। जब मैंने पत्र लिखकर यह जानना चाहा कि जिस व्यक्ति ने गलत रिपोर्ट दी है उस पर क्या कार्रवाई हुई। उसके बारे में आज तक कोई जानकारी ना तो मौखिक और ना ही लिखित रूप से दी गई। चार महीनों से मजदूरों को नहीं मिला वेतन पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने कहा कि छावनी परिषद में काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। जो मजदूर 250 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी पर काम कर रहा है, अगर उसे चार महीने तक वेतन नहीं दिया जाएगा, तो वह भीख मांगने के लिए मजबूर होगा। सीईओ पर लगाया अहंकारी होने का आरोप पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने छावनी परिषद सीईओ एमएस हरी विजय पर अहंकारी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अहंकार से कुर्सी नहीं बचती। अहंकार को हटाकर जनहित में काम करना चाहिए तभी कार्यालय और अधिकारी की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर सीईओ अपने कार्यशैली में सुधार नहीं लाते हैं, तो वे आने वाले दिनों में छावनी परिषद की ईट से ईट बजा देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/अमितेश

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