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महीनों से जंजीरों में जकड़ी बच्ची को मिला सहारा, रिनपास में हुआ इलाज

-पिता की हो चुकी है मौत, मां ने कर ली दूसरी शादी खूंटी, 21 जून(हि.स.)। तोरपा प्रखंड के सुंदारी गांव में पिछले कई महीनों से जंजीरों में जकड़ी 14 वर्षीय बच्चीे को अंततः इलाज के लिए एक सहारा मिल गया। मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्ची को रिश्ते के एक चाचा सुखराम गुड़िया सोमवार को रिनपास ले गये। वहां से इलाज कराने के बाद उसे पुनः गांव ले आया गया। डाॅक्टर ने उसे एक महीने की दवा दी है। बच्चीे मैनी गुड़िया के पिता की मौत दस वर्ष पहले ही हो चुकी है। पिता की मौत के बाद उसकी मां ने भी दूसरी शादी कर ली। मैेनी के साथ ही उसे तीन अन्य भाई बहनों की परवरिश की जिम्मेवारी उसके बड़े पिता बिरसा गुड़िया के कंधे पर आ गयी। बताया गया कुछ महीनों से मैनी की मानसिक स्थिति बिगड़ गयी। मानसिक संतुलन बिगड़ जाने के कारण वह घर से बाहर भाग जाती थी और लोगों को नुकसान पहुंचाती थी। । इसके कारण बिरसा को जब भी घर से बाहर जाना होता, वह मैनी को जंजीरों में बांधकर ही कहीं जाता था। जब लोगों ने इसकी शिकायत परिवार से की, तो मजबूरी बिरसा को दिल मजबूत करके बच्ची को घर के अंदर जंजीरों से बांधकर रखना पड़ रहा है। वैसे तो सरकारी योजनाएं अक्सर गरीबों के लिए ही बनाई जाती है, लेकिन इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है। यही कारण है कि बीमार मैनी का इलाज कराने के बदले उसे जंजीरों से बांधकर रखा जाता था। बिरसा बताता है कि खेतीबारी से इतनी कमाई नहीं होती कि वह बच्ची का इलाज करा सके। सोमवार को जब सोशल मीडिया पर जंजीर से बंधी मिनी की फोटो वायरल हुई, तो बिरसा के एक रिश्तेदार सुखराम गुड़िया उसे इलाज के लिए रिनपास ले गए, जहां से मिनी को एक महीने की दवा देकर फिर से सुन्दारी लाया गया। इधर, जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि मामले को संज्ञान में लेते हुए बच्ची को हर तरह की सहायता उपलब्ध करायी जाए। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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