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आम की बागवानी से बह रही है समृद्धि की धारा

13/05/2021 लोहरदगा, 13 मई (हि.स.)। लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड में आम बागवानी के साथ जुड़कर किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं। क्षेत्र के किसान अपने खेतों मे आम की बागवानी लगाकर ना सिर्फ अपना आय बढ़ा रहे हैं बल्कि, आम बागवानी से आम के सीजन में बागवानी में गांव के बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिल रही है। आम बागवानी से किसान प्रति वर्ष 30 से 40 हजार रुपये बिना पूँजी के कमा रहे हैं साथ ही बागवानी की देखरेख में लगे लोगों को महीने के 06 हजार रुपये मिल रहे है। एक बागवानी में देखरेख के लिए 08 लोगो को लगाया गया है जो कि आम के फलने से लेकर तोड़ने तक बागवानी की देखभाल करते हैं। किसानो को आम को बेचने के लिए कही जाने की भी जरूरत नही होती है। व्यापारियों द्वारा आम के फलने के साथ ही किसानों के आम को खरीद लिया जाता है, जिसमें आधा पैसा किसानों को शुरू में ही दे दिया जाता है, जबकि आधा पैसा फल तोड़ने के बाद दिया जाता है। एक पौधा में 25 किलो आम निकलता है जिसे 25 से 30 रुपए की भाव से खरीद लिए जाते हैं एक पौधा से किसानों को 700से 800 रुपये की आमदनी होती है। . किस्को प्रखंड क्षेत्र में वर्ष 2006,2007 में नाबार्ड के बाड़ी योजना के अंतर्गत 85 एकड़ भूमि पर 124 किसानों को आम बागवानी का लाभ दिया गया हैै। किसानों को प्रति एकड़ 100 यानी एक डिसमिल में 1 पौधा के हिसाब से आम लगवाए गए हैं जो कि आज पूरी तरह तैयार हो चुकी है और आज किसानों को 30 से 40 हजार प्रति वर्ष की फायदा दे रही हैै। साथ ही लगभग 150 ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध हो रही है। आम बागवानी में किसानों द्वारा फजली,लंगड़ा, मालदा, आम्रपाली, हिमसागर जैसे आम का पौधा लगवाया गया है बेठहठ एवं बगड़ू पंचायत में किसान लैणा उराँव, जितबाहन्न उराँव,अविनाश मिंज,गोवर्धन उराँव,एवं पंचायत के 30 किसानों द्वारा 17 एकड़ भूमी में बगड़ू एवं बेठहठ पंचायत के सिमा में आम बागवानी लगाया गया है। किसानों का कहना है कि बागवानी से प्रति वर्ष अच्छी खासी आमदनी हो जाती है। बागवानी में किसी प्रकार की कोई मेहनत नही करनी पड़ती है। व्यापारियों द्वारा आम फलने के साथ ही पैसा देकर आम की खरीदारी कर ली जाती है। साथ ही उसके बाद आम का देखरेख का जिम्मेदारी भी व्यापारियों की हो जाती है। किसानों को घर बैठे बेहतर पैसा उपलब्ध हो जाती है। साथ ही किसान आम बागवानी में अन्य खेती कर लाभ उठाते हैं। जिला समन्वयक रमेश अभिषेक का कहना है कि किसान बागवानी से बेहतर आय कमा रहे हैं। किसानों को बेहतर आय के लिए बाहर के बाजारों से भी जोड़ा जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार /गोपी/चंद्र

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