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पेड़ों की कटाई से बिगड़ा पर्यावरण का संतुलन : स्पीकर

रांची, 11 जून (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि जिस तेजी के साथ हम विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उसी तेजी के साथ वनों व पेड़ों की कटाई भी हो रही है, जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा है। महतो शुक्रवार को एक निजी कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें तरह तरह के प्राकृतिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। पेड़ पौधों से ही मानव सभ्यता व जीव जंतु का जीवन निर्भर है। हमे पेड़ों से ही शुद्ध ऑक्सीजन एवं अन्य विभिन्न प्राकृतिक स्रोत प्राप्त होते हैं।धरती की मिट्टी कटाव संरक्षित होते हैं। पेड़ों के कारण ही धरती के नीचे का जल संरक्षित है। उन्होंने कहा कि आज समय पर बारिश नही होने का प्रमुख कारण पेड़ों की कटाई है। सभी लोगों को पेड़ लगाना चाहिए और जब तक पेड़ बड़ा नही हो जाता, तब तक हमें एक शिशु की तरह उसका संरक्षण भी करना चाहिए। पेड़ लगाने के बाद पेड़ों के साथ भावनात्मक लगाव भी उतना ही जरूरी है। तभी पेड़ एक वृक्ष का आकार ले पाता है। स्पीकर ने कहा कि कोविड महामारी को लेकर ऑक्सीजन का जो संकट देखा गया इससे सभी को सबक लेने की आवश्यकता है। जिस प्रकार हम कहीं सफर में जाते हैं तो पानी का बोतल लेकर जाते है।उसी प्रकार आने वाले दिनों में सफर में ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर चलने की आवश्यकता ना पड़ जाए। उन्होंने कहा कि प्रकृति को जितनी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। उतनी मात्रा में पर्यावरण में ऑक्सीजन का उत्पादन नही हो पा रहा है। नतीजतन ऑक्सीजन की कमी से मानव जीवन के साथ साथ अन्य प्राणियों के जीवन पर भी भयंकर प्रभाव देखने को मिल रहे है। एक पेड़ अपने जीवन मे जितनी मात्रा में ऑक्सीजन देते है,उतनी मात्रा का ऑक्सीजन लैब मे तैयार करने के लिए उस पेड़ की कीमत से हजारों गुना खर्च हो जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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