प्रकृति संरक्षण व संवर्धन का पर्व है सोहराय:सांसद
पाकुड़, 09 जनवरी(हि.स.)। प्रकृति संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही भाई बहन के प्यार का सोहराय पर्व है ।सोहराय संथाल आदिवासी समाज का सबसे बड़ा पर्व है। ये बातें शनिवार को स्थानीय के के एम काॅलेज के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित सोहराय पर्व के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि राजमहल सांसद विजय कुमार हांसदा ने कहीं। सांसद हांसदा ने इसकी विधिवत शुरुआत की। पूजा अर्चना के साथ पारंपरिक अनुष्ठान शुरू हुआ। पूजा स्थल पर गोट टंडी बनाया गया था, जहां सबसे पहले विधिवित पूजा अर्चना की गई। परंपरा के मुताबिक मौके पर चूजे की बलि दी गई।छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक वेशभूषा में मांदर के थाप पर जमकर नृत्य किया।मौके पर सांसद व विधायक भी मांदर बजाते हुए छात्र छात्राओं के साथ जमकर झूमे। उल्लेखनीय है कि सोहराय पर्व मुख्यत: धन कटनी के बाद मनाया जाता है। यह पर्व खासकर भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक भी है।इस दौरान परंपरागत तौर पर भाई बहन को ससुराल से विदा कराकर लाता है। फिर दोनों मिलकर प्रकृति की पूजा करते हैं।इस दौरान कृषि कार्य में उपयोग होने वाले बैल सहित सभी उपकरणों की भी पूजा की जाती है। मौके पर बोरियो के झामुमो विधायक लोबिन हेम्बरम, पार्टी के पाकुड़ जिलाध्यक्ष श्याम यादव आदि के अलावा बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद थीं। हिन्दुस्थान समाचार / रवि-hindusthansamachar.in