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सरना स्थल पूर्वजों की धरोहर व आस्था का केंद्र है, इसे अपमानित नहीं होने देंगे: सुदीप गुड़िया

खूंटी, 27 मार्च(हि. स.)। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा रनिया प्रखंड के गांवों में सरना स्थलों को कथित रूप से अपवित्र किये जाने को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। झामुमो के जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद के निर्देश पर पार्टी के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी और तपकारा के मुखिया सुदीप गुड़िया के नेतृत्व में झामुमो कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को वस्तु स्थिति का जायजा लेने रनिया प्रखंड के डाहू गांव पहुंचा। झामुमो कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों के साथ बैठक भी की। बैठक में ग्रामीणों ने पूरे मामले की जानकारी झामुमो नेताओें को दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मौजा.डाहू के बाहा सरना सह भेड़ा सरना पूजा स्थल में वन विभाग के वन कर्मियों के द्वारा जबरन धमकी देकर ट्रेंच कटिंग की गयी। ग्रामीणों ने बारी-बारी से सरना पूजा स्थल में हुई घटना की जानकारी दी। बैठक में उपस्थित अलग.अलग मौजा से आए ग्राम प्रधान एवं पंचों द्वारा कहा गया कि वन कर्मियों को बार.बार अवगत कराया जा रहा था कि सरना स्थल है। इस स्थान पर हमारे पूर्वजों की चार पीढ़ियों से लगातार पूजा अर्चना होती आ रही हैए पर वन विभाग के के कर्मचारियों पे जबरन बुलडोजर द्वारा ट्रेंच कटिंग करा दी। वन कर्मियों को सूचना देकर ग्राम सभा की बैठक में भी बुलाया गया था। बैठक में वन कर्मियों ने पुलिस.प्रशासन की धमकी देते हुए प्रत्येक व्यक्ति के ऊपर एफआईआर करने की दी गयीर। इस धमकी के बाद ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मौजा.डाहू के बाहा सरना व भेड़ा सरना पूजा स्थल को अशुद्ध किया गया। इसके परिणाम स्वरूप अब गांव में भी अप्रिय घटनाएं होने गली हैं। विषय वस्तु की जानकारी लेने के बाद युवा नेता. सुदीप गुड़िया ने कहा.आदिवासी हमेशा से ही प्रकृति पूजा कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा सरना धर्म कोड झारखंड विधानसभा में लागू करने को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिकाल से ही प्राकृतिक सरना स्थल पूर्वजों की धरोहर व आस्था रहा है। इस आस्था का अपमान कभी नहीं होने देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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