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हाल खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का, नौ दिनों में चले ढाई कोस

खूंटी, 09 मार्च (हि.स.)। शहरी जलापूर्ति योजना नौ दिनों में चले ढाई कोस वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए कछुए की गति आगे बढ़ रही है। योजना की कार्यकारी एजेंसी की कार्यशौली ऐसी है कि जिला प्रशासन से लेकर नगर पंचायत के जन प्रतिनिधि भी त्रस्त हो चुके हैं, पर ठेकेदार कान में तेल ड डालकर सो रहा है। उसे मानो किसी का भय है ही नहीं। योजना की गति का अनुमान सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि इस योजना को 2021 तक शुरू होना था, हालांकि सरकार अब 2022 तक सभी घरों में निर्बाध जलापूर्ति का दावा कर रही है। खूंटी के भाजपा विधायक और राज्य के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा भी विधानसभा में इस मुद्दे को उठा चुके हैं। विधायक मुंडा ने पूछा था कि खूंटी नगर पंचायत अधिसूचित क्षेत्र में जलापूर्ति योजना को नवंबर 2019 तक पूरा करना था, पर अब तक योजना अधूरी है। इस पर सरकार द्वारा बताया गया कि 59,54 करोड़ वाली खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का एकरारनामा 18 जनवरी 2019 को हुआ था, जिसमें दो वर्षों में योजना को पूर्ण करना था। सरकार ने यह स्वीकार किया कि दो वर्ष बाद इसमें महज 21 फीसदी ही काम हुआ है। अपने जवाब में सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना को मार्च 2022 तक पूर्ण करने की बात कही है। विदित हो कि खूंटी नगर पंचायत क्षेत्र में आगामी 40 वर्ष बाद तक बढ़ने वाली आबादी को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके इसे ध्यान में रखकर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के प्रयास से एनडीए सरकार ने विश्व बैंक संपोषित यह योजना शुरू की थी। वर्ष 2018 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने नगर भवन में तामझाम के साथ जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया था। जुडको की देखरेख में चल रही इस महत्वाकांक्षी योजना का काम तमिलनाडु के श्रीराम ईपीसी को सौंपा गया है। कंपनी द्वारा जिस कच्छप गति से काम को अंजाम दिया जा रहा है, उससे यह कतई नहीं लगता कि काम 2022 तक भी पूरा हो सकेगा। योजना में धीमी काम को लेकर कई बार जिले के उपायुक्त कंपनी के अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके हैं, लेकिन कंपनी की कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा। इस महत्वपूर्ण योजना में एक नया फिल्ट्रेशन प्लांट, शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग.अलग क्षमता के तीन नयेए जलमीनार का निर्माण करना है। विभिन्न क्षेत्रों में पाइपलाइन भी बिछाना बाकी है। इनमें से फिल्ट्रेशन प्लांट तथा जल मीनारों के निर्माण का काम प्रारंभिक चरण में है। वहीं कई क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा कर दिया गया है। पाइप लाइन बिछाने के नाम पर कई क्षेत्रों में पक्की पीसीसी सड़क को खोदकर खराब कर दिया गया है। संवेदक कंपनी का कहना है कि योजना में सड़क मरम्मत का प्रावधान है, लेकिन पाइप लाइन में पानी आपूर्ति का टेस्ट करने के बाद सड़क की मरम्मत की जाएगी। यहां प्रश्न उठता है कि योजना का अन्य महत्वपूर्ण कार्य अभी प्रारंभिक चरण में है, तब क्या वर्षों तक ये सड़कें ऐसी ही अस्त.व्यस्त बनी रहेंगी। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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