रामगढ़, 17 जुलाई (हि.स.) । जिले में भोला दांगी के मुद्दे पर राजनीति चरम पर है। एक तरफ भोला दांगी का विवाद जिला पुलिस प्रशासन के साथ चल रहा है। दूसरी ओर इस विवाद में अपनी राजनीति चमकाना कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शहजादा अनवर को भी महंगा पड़ता जा रहा है। शुक्रवार को भोला दांगी ने बयान जारी कर कहा कि शहजादा अनवर पार्टी के प्रवक्ता से ज्यादा पुलिस के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के रामगढ़ जिलाध्यक्ष मुन्ना पासवान के हस्ताक्षर से 29 जुलाई 2018 को पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया था। इसका फॉर्म नंबर 1084152 है। इसी दिन वर्तमान विधायक ममता देवी भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शहजादा अनवर, जिलाध्यक्ष मुन्ना पासवान, पूर्व जिलाध्यक्ष बलजीत सिंह बेदी, शांतनु मिश्रा ने पुलिस के एजेंट के रूप में प्रेस कांफ्रेंस कर मेरे छवि को धूमिल किया है। उन्होंने कहा कि यह कैसे पार्टी के पदाधिकारी हैं, जिन्हें जिले में कार्यरत सक्रिय सदस्य व अन्य सदस्यों की जानकारी ही नहीं है। मैं प्रदेश प्रवक्ता से भी पूछना चाहता हूं कि 12 जुलाई को मेरी गिरफ्तारी हुई थी, उस दिन वे विधायक ममता देवी के साथ रात में रजरप्पा थाना क्यों गये थे। जबकि वे मुझे पहचानने से इंकार कर रहे है। वे 2014 की चुनाव में गोला में आयोजित राहुल गांधी की सभा में खुद मुझे भाषण देने के लिए मंच पर बुलाये थे। शहजादा अनवर जब चुनाव लड़ रहे थे, तो वे चुनाव प्रचार के दौरान मुझे साथ-साथ ले जाते थे। सभी सभा में अपने संबोधन में पहला नाम मेरा लेते थे। 17 केस का पूरा विवरण भोला ने किया जारी कांग्रेस के नेताओं द्वारा दांगी के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकी का जिक्र किया था। इसका पूरा विवरण भोला दांगी ने शुक्रवार को जारी किया है। उन्होंने कहा है कि 12 मामलों में न्यायालय ने उन्हें बरी किया है। एक मामले में समझौता हो चुका है। एक मामला 32/2013 उन्होंने ही वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ रामगढ़ थाने में दर्ज कराई थी। दो मामले न्यायालय में लंबित है। लेकिन इसके आधार पर उन्हें जिस तरह हिस्ट्रीशीटर करार दिया जा रहा है, वह कहीं से न्यायोचित नहीं है। पार्टी के नेताओं द्वारा मुझे हिस्ट्रीशीटर कहा जाना यह साबित करता है कि वे ये पुलिसिया भाषा बोल रहे है। हिन्दुस्थान समाचार/अमितेश/वंदना-hindusthansamachar.in