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जनजातियों के जीवन-शैली पर पड़ रहे प्रभाव पर शोध को बढ़ावा मिलें : राज्यपाल

-बिरसा मुंडा सेंटर फॉर ट्राइबल अफेयर्स को वीडियो कांफ्रेंसिंग से किया संबोधित रांची, 24 फरवरी (हि. स.)। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि राज्य में पहले से ही मौजूद संसाधन जैसे कि इसकी प्रचुर प्राकृतिक सुंदरता और विश्व-प्रसिद्ध कला एवं शिल्प आदिवासी क्षेत्रों में उद्यमशील उपक्रम को बल प्रदान करेगा। राज्यपाल बुधवार को रांची में बिरसा मुंडा सेंटर फॉर ट्राइबल अफेयर्स को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड राज्य प्राकृतिक एवं खनिज संसाधनों के क्षेत्र में अत्यंत समृद्ध है। यहाँ 32 प्रकार की जनजातियों के साथ आदिम जनजाति भी निवास करते हैं। यह राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को दर्शाता है जिसे अब भारत और दुनिया भर में पहचाना और सराहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड के सोहराई और खोबर चित्रों को अब विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है और इसे व्यापक प्रशंसा और लोकप्रियता मिली है। पेंटिंग के अलावा, झारखंड में अद्वितीय कला के रूप भी हैं जैसे छऊ नृत्य में इस्तेमाल किए जाने वाले चेहरे के भावों के साथ चित्रित मुखौटे और डोकरा नामक धातु शिल्प के प्रयोग से पीतल के संरचना बनाया जाता है। यह सभी की जिम्मेदारी है कि इन्हें दुनिया तक ले जाएं और झारखंड राज्य और इसके गौरवशाली निवासियों के लिए एक वैश्विक पहचान बनाएं। राज्यपाल ने कहा कि यह सेंटर झारखंड की जनजातीय संस्कृति और कला रूपों के बारे में अधिक जागरूकता लाने की दिशा में काम करेगा। यह भी उम्मीद है कि यह केंद्र देश भर में विभिन्न जनजातियों के जीवन और संस्कृति के साथ साथ देश भर मे हो रहे सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव से इन जनजातियो के जीवन-शैली पर पड़ रहे प्रभाव पर शोध को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए यह केंद्र आदिवासी जीवन और समाज के महत्व व विशिष्टता के बारे में अधिक जानने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा। यह ज्ञान तब समाज और स्थानीय आबादी की बेहतरी के लिए काम आएगा। इस केंद्र द्वारा विकसित ज्ञान का उपयोग देश के अन्य हिस्सों में जनजातीय आबादी की बेहतरी के लिए भी किया जा सकता है। सरकार का ध्यान जनजातीय आबादी के लिए सभी क्षेत्रों मे विकास पहुंचाने का है। इसलिए इस केंद्र का यह एक महत्वपूर्ण दायित्व होगा कि यह एक ज्ञान का भंडार तैयार करे जिससे सरकार के विभिन्न योजनाओ को जनजातीय क्षेत्रों में लागू किया जा सके। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड राज्य में प्रचुर खनिज संसाधन हैं और यह विभिन्न बड़े, मध्यम और छोटे उद्यमों का आधार है। कई प्रतिष्ठित सार्वजनिक और निजी फर्म, विशेष रूप से उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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