समाज के बीच में व्यापक जागरुकता अभियान चलाने के लिए बनाई योजना
रांची, 19 फरवरी (हि. स.)। कोविड -19 महामारी से बचाव के लिए भारत में दिए जा रहे वैक्सीन (टीका) को लेकर समाज के बीच में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना, यूनिसेफ ने योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत एनएसएस के स्वयंसेवकों एवं कार्यक्रम पदाधिकारियों के बीच राज्य स्तरीय, विश्वविद्यालय स्तरीय एवं जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें यूनिसेफ के विशेषज्ञ इनको टीकाकरण को लेकर जागरूक करेंगे। राज्य एनएसएस पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि कोविड -19 टीकाकरण जागरूकता को लेकर 17 फरवरी को राज्य स्तरीय वेबिनार यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। इसमें एनएसएस के सभी विश्वविद्यालयों के कार्यक्रम समन्वयक, जिला नोडल पदाधिकारी एवं टीम लीडर्स शामिल हुए। उन्होंने बताया कि 20 फरवरी से 10 मार्च तक विश्वविद्यालय एवं जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। एनएसएस एवं यूनिसेफ संयुक्तरूप से राज्य स्तरीय, विश्वविद्यालय स्तरीय एवं जिला स्तरीय टीकाकरण जागरूकता को लेकर संचालन समिति बनायी जाएगी। इन समितियों के माध्यम से टीकाकरण जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जागरूकता अभियान के अंतर्गत आम जनों के बीच भारत में निर्मित टीका बिल्कुल सुरक्षित है एवं इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हो रहा है, इसे बताया जाएगा। तृतीय चरण के टीकाकरण अभियान में एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को टीकाकरण करने के पूर्व पंजीयन कराने में सहयोग करेंगे एवं लोगों को बताएंगे कि बिना पंजीकरण के टीका नहीं लग पायेगा। पहले डोज का टीका पड़ने के बाद उनको दूसरा डोज 28 दिनों के बाद लगना है। इसकी जानकारी भी दिया जाएगा। टीकाकरण केंद्रों पर एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी जागरूक किया जाएगा।जिला प्रशासन, सदर अस्पताल के चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ से भी संपर्क करके टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगवाने आने वाले व्यक्तियों की सूची बनाने में मदद किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्यकर्मी (चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एवं तकनीकी सहयोगी) को टीका लगाया गया। दूसरे चरण में फ्रंटलाइनर (पुलिस, सफाई कर्मी) को टीका लगाया जा रहा है। तीसरे चरण एवं चतुर्थ चरण के टीकाकरण अभियान के लिए एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा यूनिसेफ के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि एनएसएस के सभी विश्वविद्यालयों के कार्यक्रम समन्वयकों को प्रशिक्षित किया जाएगा और वो सभी जिला नोडल पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे। जिला नोडल पदाधिकारी जिला के अंतर्गत सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे। इस अभियान को सफल बनाने के लिए एनएसएस , झारखंड द्वारा एक कोर समिति का गठन किया गया है जिसमें डॉ ब्रजेश कुमार (राँची विश्वविद्यालय), डॉ मेरी मार्गरेट टुडु(एसकेएम विश्वविद्यालय, दुमका) , डॉ दारा सिंह गुप्ता (कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा) आदि शामिल हैं। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण